जिया खान केस में CBI कोर्ट करेगी सुनवाई, सूरज पंचोली की मां बोलीं- 'मेरा बेटा 9 सालों से पीड़ित है...'
जिया खान केस में CBI कोर्ट करेगी सुनवाई, सूरज पंचोली की मां बोलीं- 'मेरा बेटा 9 सालों से पीड़ित है...'
मुंबई, 01 अगस्त: बॉलीवुड का चर्चित जिया खान सुसाइड केस की सुनवाई अब सीबीआई कोर्ट में होगी। 8 सालों से पेंडिंग जिया खान आत्महत्या केस को अब सीबीआई कोर्ट में शिफ्ट कर दिया गया है। दिवंगत जिया खान की मां राबिया ने एक्ट्रेस के प्रेमी अभिनेता सूरज पंचोली के खिलाफ कथित तौर पर आत्महत्या के उकसाने का आरोप लगाया है। जिया खान के सुसाइड नोट में कथित तौर पर सूरज पंचोली का नाम है। जो सेशंस कोर्ट सूरज पंचोली का ट्रायल ले रही थी, उसी कोर्ट ने केस को सीबीआई कोर्ट में ट्रॉन्सफर किया गया है। इस खबर से सूरज पंचोली और उनके परिवार ने राहत की सांस ली होगी। सूरज पंचोली की मां और दिग्गज एक्ट्रेस जरीना वहाब ने इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि उनका बेटा इस मामले में 9 साल से पीड़ित है और सफर कर रहा है।
सूरज पंचोली की मां बोलीं- 'अगर मेरा बेटा दोषी है तो सजा मिलनी चाहिए...'
सूरज पंचोली की मां जरीना वहाब ने एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए कहा कि वह चाहती हैं कि इस मामले में सुनवाई जल्द से जल्द हो। उन्होंने ये भी कहा है कि आठ-नौ साल के इस लंबे वक्त में सूरज पीड़ित हुआ है। जरीना वहाब ने कहा, उन्हें और उनके पति और उनके पूरे परिवार को भगवान और न्यायपालिका में पूरा विश्वास है। जरीना वहाब ने कहा, अगर अगर सूरज दोषी है तो उसे सजा मिलनी चाहिए लेकिन अगर नहीं तो वह अदालत से क्लीन चिट का हकदार भी है। और उसे अपने जीवन में आगे बढ़ने का पूरा अधिकार है।
जरीना वहाब बोलीं- मेरे बेटे ने जितना भी सहा है...'
जरीना वहाब ने कहा, "मेरे बेटे ने बहुत कुछ सहन किया है, उसके लिए मुझे बुरा लगता है। मैंने भी अपने बच्चे के लिए बहुत कुछ सहा है। मैं जिया की मां की भावनाओं को भी समझती हूं, उसने अपनी बेटी खोई है।''
जरीना वहाब ने कहा, ''हम सभी चाहते हैं कि मुकदमा तेज गति से चले...क्योंकि मैं अपने बेटे को आराम से देखना चाहती हूं...उसने सालों से आराम नहीं किया है। जरीना वहाब ने कहा, ये सूरज की जिंदगी का सवाल है, उसका करियर दांव पर है।''
'बीते 10 साल बहुत भयानक थे...'
जरीना वहाब ने अपने और अपने परिवार पर बीते 10 सालों के बारे में बात करते हुए कहा, ''यह हमारे लिए बहुत ज्यादा भयानक था। जब भी मैं अपने बेटे को देखती, मैं जानती थी कि वह कैसा महसूस कर रहा है। मैं और सूरज दोनों एक-दूसरे को नहीं देख पाते हैं क्योंकि हमारे दिमाग एक-दूसरे की भावनाओं को अच्छे से समझ लेते हैं। हम दोनों अपनी परेशानियों और भावनाओं को एक-दूसरे से छिपा नहीं सकते हैं।''