कोरोना वायरस वैक्सीन की सबसे ज्यादा बर्बादी झारखंड में, केरल और पश्चिम बंगाल की स्थिति सबसे अच्छी
कोरोना वायरस वैक्सीन की सबसे ज्यादा बर्बादी झारखंड में, केरल और पश्चिम बंगाल की स्थिति सबसे अच्छी
नई दिल्ली, 10 जून: कोरोना वायरस वैक्सीन की खुराकें सबसे ज्यादा झारखंड में खराब हुई हैं। झारखंड में टीकों की 33.95 फीसदी बर्बादी हुई है। छत्तीसगढ़ में 15.79 फीसदी टीके बेकार गए। वहीं केरल और पश्चिम बंगाल में कोरोना वैक्सीन बिल्कुल खराब नहीं हुई है। पश्चिम बंगाल और केरल में वैक्सीन डोज खराब होने का आंकड़ा नकारात्मक रहा है यानी इन दोनों राज्यों में शीशी में आने वाली अतिरिक्त खुराक भी इस्तेमाल हुआ। केंद्र सरकार ने मई महीने में वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर ये डाटा जारी किया है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना टीकों की सबसे ज्यादा 33.95 फीसदी बर्बादी झारखंड में हुई। इसके बाद छत्तीसगढ़ में 15.79 फीसदी टीके बेकार गए। मध्य प्रदेश में 7.35 फीसदी वैक्सीन खराब हो गई। पंजाब में 7 फीसदी, दिल्ली में 3.95 फीसदी, राजस्थान में 3.90 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 3.78 फीसदी, गुजरात में 3.63 फीसदी और महाराष्ट्र में 3.59 प्रतिशत टीके मई में बेकार हुए।
केरल और पश्चिम बंगाल में मई माह में कोरोना वैक्सीन की बिल्कुल भी बर्बादी नहीं हुई। केरल में वैक्सीन की 1.10 लाख और पश्चिम बंगाल में 1.61 लाख खुराकें बचाई गईं। केरल में टीकों की बर्बादी का आंकड़ा नकारात्मक 6.37 फीसदी रहा है। पश्चिम बंगाल में यह आंकड़ा नकारात्मक 5.48 पर रहा।
आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल के मुकाबले मई में भारत में टीकाकरण की रफ्तार में कमी आई। मई में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 790.6 लाख टीकों की आपूर्ति की गई जिनमें से 658.6 लाख खुराकों का उपयोग हुआ और 212.7 लाख खुराकें बच गईं।
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वैक्सीन वेस्टेज पर सरकार सख्त
केंद्र
सरकार
ने
वैक्सीन
की
बर्बादी
को
लेकर
सख्ती
दिखाई
है।
हाल
ही
में
केंद्र
ने
वैक्सीन
के
राज्यों
को
वितरण
को
लेकर
गाइडलाइन
जारी
की
है।
इसमें
कहा
गया
है
कि
वैक्सीन
की
बर्बादी
किसी
राज्य
में
ज्यादा
रहती
है
तो
इसका
उसको
मिलने
वाली
वैक्सीन
पर
निगेटिव
असर
होगा।