गुजरात में BJP को नर्वस नाइंटीज से निकाल शतकवीर बनाने वाले कुंवरजी बावलिया का प्रोफाइल
अहमदाबाद। जसदण सीट पर हुए उपचुनाव में जीत के साथ ही प्रदेश में बीजेपी के विधायकों की संख्या अब 100 हो गई है। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सरकार बनाने लायक बहुमत तो पा लिया था, लेकिन वह नर्वस नाइंटीज की शिकार हो गई थी। जसदण सीट पर हुए उपचुनाव के रविवार को नतीजे आए कुंवरजी बावलिया की जीत के साथ ही बीजेपी नर्वस नाइंटीज से बाहर आकर शतकवीर हो गई है। पहले यूपी उपचुनावों में एक के बाद एक हार और उसके बाद कांग्रेस के हाथों कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सत्ता गंवाने के बाद गुजरात से बीजेपी के लिए यह जीत बेहद अहम मानी जा रही है। बीजेपी के लिए यह जीत इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि जसदण कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। बीजेपी के टिकट पर जीते कुंवरजी बावलिया पिछले चुनाव में कांग्रेस के ही टिकट पर लड़े थे और जीते थे।
जुलाई 2018 में कुंवरजी बावलिया ने दे दिया था पद से इस्तीफा
2017 में कुंवरजी बावलिया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन गुजरात में नेता विपक्ष पद नहीं मिलने से नाराज होकर जुलाई 2018 में पहले कांग्रेस की सदस्यता और बाद में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी में शामिल करने के साथ ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया। मंत्री पद बरकरार रखने के लिए बावलिया को यह चुनाव जीतना था। भाजपा प्रत्याशी कुंवरजी बावलिया को 90 हजार 268 मत मिले, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी अवसर नाकिया को 70 हजार 283 मत मिले। इस तरह कुंवरजी बावलिया ने 19985 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी को मात दे दी।
तीन लोकसभा सीटों पर खास असर रखते हैं कुंवरजी बावलिया
कुंवरजी बावलिया की जसदण विधानसभा सीट पर यह छठी जीत है। वह इससे पहले पांच बार इसी सीट से चुने गए। वह कांग्रेस के टिकट पर सांसद का चुनाव भी जीत चुके हैं। उन्होंने 1995, 1998, 2002, 2007 and 2017 और अब 2018 में जसदण सीट पर जीत का परचम लहराया। कुंवरजी बावलिया की उम्र 62 साल है। वह ग्रेजुएट हैं और 2017 में 39 साल के बीजेपी उम्मीदवार भरत बोघा को हराकर विधानसभा पहुंचे थे। कुंवरजी बावलिया कोली समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि बावलिया का गुजरात की तीन लोकसभा सीटों पर खास प्रभाव है। सौराष्ट्र में कोली समाज बड़ा वोट बैंक है। ऐसे में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पार्टी छोड़ने के बाद राहुल गांधी की नीतियों की थी आलोचना
कुंवरजी बावलिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने के पीछे की वजह के बारे में पूछे जाने पर कहा कि राहुल गांधी पार्टी के अंदर जाति के आधार पर राजनीति कर रहे हैं। बावलिया ने आगे कहा, 'मुझे एहसास हुआ कि राहुल गांधी की नीतियों के चलते पार्टी में मेरा कोई भविष्य नहीं है। इस वजह मैंने पार्टी छोड़ दी।' उन्होंने कहा, 'कांग्रेस में मुझे उस तरह से काम करने का मौका नहीं मिल रहा था, जिस प्रकार से मैं चाहता था।' कुंवरजी बावलिया की कोली समाज पर कैसी पकड़ है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब वह कांग्रेस में थे और 2017 विधानसभा चुनाव हुआ था, तब बीजेपी की हालत सबसे ज्यादा सौराष्ट्र में ही खराब हुई थी। सौराष्ट्र में कोली समाज का करीब 20 विधानसभा सीटों और तीन लोकसभा सीटों पर खासा प्रभाव है।
1960 से 2018 तक जसदण सीट पर सिर्फ दो बार जीती बीजेपी, दोनों बार बावलिया ही रहे बड़ा फैक्टर
1960 में गुजरात राज्य बनने के बाद से बीजेपी जसदण सीट पर 2018 चुनाव से पहले सिर्फ एक बार ही जीत सकी। इसके पीछे भी कारण कुंवरजी बावलिया थे। 2009 में उन्होंने राजकोट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, इस वजह से जसदण में बीजेपी को 2009 में जीत नसीब हुई थी और अब 2018 में बावलिया ने बीजेपी के लिए यह सीट जीती है। इस तरह 1960 के बाद से अब सिर्फ दो बार जसदण में बीजेपी को जीत मिली है।