शोपियां फायरिंग मामले की जांच के लिए उमर अब्दुल्ला ने की एसआईटी गठित करने की मांग
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर विधानसभा में नेता विपक्ष उमर अब्दुल्ला ने 27 जनवरी को शोपियां जिले में सेना की गोलीबारी में तीन लोगों की मौत की जांच के लिए उच्च स्तरीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने की मांग की है। शुक्रवार को विधानसभा में उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि शोपियां घटना में तीन लोगों की जान गई है, इस मामले में दोनों तरफ से एफआईआर हुई हैं, ऐसे में उनकी मांग है कि इसकी जांच के लिए एक उच्च स्तरीय एसआईटी गठित हो। उमर ने कहा कि पुलिस इस मामले में जिस तरह से राजनीतिक दलों में ही टकराव देखने को मिल रहा है, उससे थाना प्रभारी इसकी निष्पक्ष जांच कर पाएंगे, ऐसा मुश्किल लगता है।
जम्मू कश्मीर के डिप्टी सीएम ने अब्दु्ल्ला के भाषण को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
उमर अब्दुल्ला के इस मामले में जांच की मांग को जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने दुर्भाग्यपूर्ण कहा है। निर्मल सिंह ने कहा कि ये दुर्भाग्य है जो पूर्व मुख्यमंत्री इस तरह की बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो सेना देश के लिए जान न्यौछावर कर रही है क्या उसे कानून की मदद लेने का अधिकार नहीं है? सिंह ने कहा कि उमर सेना पर तो कार्रवाई की बात कर रहे हैं लेकिन पत्थरबाजों के खिलाफ उन्होंने एक भी एक शब्द नहीं बोला।
ये है शोपियां का मामला
जम्मू कश्मीर के शोपियां में 27 जनवरी को सेना की गोलीबारी में तीन युवकों की मौत हो गई थी। सेना की गोलीबारी में जावेद बट और सुहेल लोन की मौत हो गई थी, एक घायल को श्रीनगर के शेर ए कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में भर्ती कराया गया था, जहां तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने सेना की 10वीं गढ़वाल यूनिट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 27 जनवरी को शोपिया पुलिस स्टेशन में 10वीं गढ़वाल यूनिट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। सेना के खिलाफ धारा 302, 307 व 336 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस केस में सेना पर एफआईआर दर्ज होने के बाद सेना की ओर से भी मामले में काउंटर एफआईआर कराई गई है। 31 जनवरी को सेना की ओर से भी शोपियां में फायरिंग के वक्त पत्थरबाजी कर रहे लोगों के खिलाफ काउंटर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
सेना की ओर से सफाई, आत्मरक्षा में चलाई गईं थीं गोलियां
वहीं इस पूरी घटना के बारे में सेना की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि सेना ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, क्योंकि बटालियन को चारो तरफ से घेरकर पत्थरबाजी शुरू कर दी गई थी, लोगों ने जवानों से उनके हथियार भी छीनने की कोशिश की। जिसके बाद सेना ने गोली चलाई। नॉर्दन आर्मी कंमाडर लेफ्टिनेट जनरल देवराज अंबू का कहना है कि सेना ने गोलियां आत्म सुरक्षा में चलाई थी। सैनिकों को उकसाने के लिए स्थानीय लोग पत्थरबाजी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह दुखद है, लेकिन हम जानते हैं कि जांच के बाद सच सामने आएगा।
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