जम्मू कश्मीर सरकार का 'मानव ढाल' बना सेना की जीप पर बांधे गए फारूक डार को मुआवजा देने से इंकार
जम्मू कश्मीर सरकार का 'मानव ढाल' बना सेना की जीप पर बांधे गए फारूक डार को मुआवजा देने से इंकार
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर सरकार ने मानव कवच फारूक अहमद डार को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने के राज्य मानवाधिकार कमीशन के आदेश को मानने से इंकार कर दिया है। फारूक डार को नौ अप्रैल को श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव के दौरान सेना की जीप पर बांधकर मानव ढाल की तरह से इस्तेमाल करते हुए घुमाया गया था। इसको लेकर देशभर में सेना के रवैये पर सवाल उठे थे। जम्मू कश्मीर राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिलाल नजाकी ने इस पर जुलाई में राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह डार को मुआवजे के तौर पर दस लाख दे।
जम्मू कश्मीर राज्य मानवाधिकार आयोग को राज्य सरकार ने अपने जवाब में स्पष्ट कहा है कि उसके पास ऐसी कोई नीति नहीं है जो इस तरह के मामलों में मुआवजे के भुगतान को कवर कर सके। उपसचिव (गृह) मुश्ताक अहमद की ओर से दायर चार पन्नों के जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि राज्य सरकार की अधिकार प्राप्त समिति ने राज्य मानवाधिकार आयोग के आदेश का परीक्षण किया है। जिन आधारों पर मुआवजे की सिफारिश की गई उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
डार को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने को कहते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग ने अपने 10 जुलाई के आदेश में मामले में सेना को निर्देश देने से इनकार कर दिया था। आयोग ने कहा था कि उसका सेना पर क्षेत्राधिकार नहीं है, ऐसे में वो सेना को निर्देश नहीं दे सकते।
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