आतंकी रियाज नायकू पर बोले डीजीपी, पहले हम इनके ठिकाने से खाली लौटते थे, लेकिन इस बार..
नई दिल्ली। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर रियाज नाइकू मारा जा चुका है। सुरक्षाबलों की इस कामयाबी पर देशभर से बधाई संदेश आ रहे हैं। मोस्ट वांटेड आतंकी रियाज नायकू को 36 घंटे चले इनकाउंटर में मार गिराया जाना दक्षिण कश्मीर में सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि मंगलवार को सुरक्षाबलों को आखिरकार ये कामयाबी कैसे हासिल हुई।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हमें वह व्यक्ति मिला था जिसने नायकू को छिपाने में मदद की थी। हम 15 दिनों से लगातार उसको ट्रैक करने की कोशिश कर रहे थे। दर्जनों बार ऐसा हुआ है कि हम ठिकाने से चूक गए और खाली हाथ लौट आए। लेकिन इस बार, कोई कसर नहीं छोड़ी गई। उन्होंने आगे कहा, हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर रियाज नाइकू अपनी तकनीकी कौशल की मदद से सुरक्षा बलों से बचता आ रहा था। आखिरकार मंगलवार को रियाज नाइकू के साथ-साथ भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के नेटवर्क को भी ध्वस्त कर दिया।
We got inside his (Riyaz Naikoo, Hizbul Mujahideen commander who was killed in an encounter by Indian Army and J&K Police in Pulwama) Over Ground Worker (OGW) network & even got the person who made the hideout: Jammu and Kashmir DGP Dilbag Singh (2/2) https://t.co/LiweHh7eQM
— ANI (@ANI) May 7, 2020
नाइकू
पर
था
12
लाख
का
इनाम
नाइकू
हिजबुल
का
सबसे
बूढ़ा
आतंकी
था
जिसकी
उम्र
35
साल
थी।
हिजबुल
के
इस
आतंकी
को
सेना
पिछले
वर्ष
मई
से
ही
तलाश
रही
थी।
23
मई
2019
को
पुलवामा
के
त्राल
में
ही
एक
एनकाउंटर
में
नाइकू
का
साथी
और
अल
कायदा
से
जुड़़
चुका
आतंकी
जाकिर
मूसा
ढेर
हुआ
था।
इसके
बाद
से
सुरक्षाबलों
की
नजरें
नाइकू
पर
थीं।
मूसा
के
बाद
नाइकू
घाटी
का
मोस्ट
वॉन्टेड
टेररिस्ट
बन
गया
था।
उसने
पिछले
वर्ष
घाटी
के
लोगों
को
लोकसभा
चुनावों
में
वोट
न
डालने
के
लिए
भी
धमकाया
था।
आतंकी
नाइकू
पर
12
लाख
का
ईनाम
था
और
वह
A++
कैटेगरी
का
आतंकी
था।
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