इस्लामिक स्कॉलर मौलाना वहीदुद्दीन खान का 96 साल की उम्र में कोरोना से निधन, PM मोदी ने जताया दुख
इस्लामिक स्कॉलर मौलाना वहीदुद्दीन खान का 96 साल की उम्र में कोरोना से निधन, PM मोदी ने जताया दुख
नई दिल्ली, 22 अप्रैल: इस्लामिक स्कॉलर और जाने-माने लेखक महान विद्वान मौलाना वहीदुद्दीन खान का 96 साल की उम्र में कोरोना वायरस से निधन हो गया है। बुधवार 21 अप्रैल इस्लामिक विद्वान मौलाना वहीदुद्दीन खान ने अंतिम सांसे ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहीदुद्दीन खान की मौत पर गुरुवार (22 अप्रैल) की सुबह ट्वीट कर दुख जताया है। समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) ने परिवार के सूत्रों के हवाले से बताया कि कोरोना वायरस पॉजिटिव होने के बाद 12 अप्रैल को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में वहीदुद्दीन खान को भर्ती कराया गया था। वहीदुद्दीन खान को 'मौलाना' के नाम से भी जाना जाता था। वहीदुद्दीन खान कुरान को समकालीन अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए भी जाना जाते हैं। मौलाना वहीदुद्दीन खान को कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ''मौलाना वहीदुद्दीन खान के अचानक हुए निधन से दुखी हूं। उन्हें धर्मशास्त्र और आध्यात्मिकता के मामलों पर उनके व्यावहारिक ज्ञान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्हें सामुदायिक सेवा और सामाजिक सशक्तिकरण का भी शौक था। उनके परिवार और अनगिनत शुभचिंतकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।''
मौलाना वहीदुद्दीन खान का जन्म उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के बधरिया गांव में 1 जनवरी 1925 को हुआ था। मौलाना वहीदुद्दीन खान को पूर्व सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल के संरक्षण में डेम्यर्जस पीस इंटरनेशनल अवार्ड से नवाजा गया था।
जनवरी 2000 में वहीदुद्दीन खान को भारत सरकार ने पद्म भूषण से नवाजा था। उन्हें मदर टेरेसा की तरफ से नेशनल सिटिजनस अवॉर्ड भी दिया गया था। इसके अलवा राजीव गांधी नेशनल सद्भावना पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। जनवरी 2021 में उन्हें र पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।