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कांग्रेस से तय है नवजोत सिंह सिद्धू की विदाई?, क्या अब इस पार्टी से ठोकेंगे ताली!

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बेंगलुरू। अपनी हाजिरजवाबी और तुकबंदी के लिए मशहूर पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का डेरा लगता है अब कांग्रेस पार्टी से भी उठ चुका है। वर्ष 2016 में राज्यसभा की सदस्यता इस्तीफा देकर बीजेपी से अलग हुए नवजोत सिंह सिद्धू को उनके बड़बोलेपन और नकारात्मक छवि ने कांग्रेस में राजनीतिक कैरियर को लगभग बर्बाद कर दिया है।

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बीजेपी छोड़कर घर बैठे सिद्धू के कभी आम आदमी पार्टी की सदस्यता लेने की सुगबुगाहट सामने आई और फिर आजाए-ए-पंजाब नाम से नई पार्टी के गठन की कवायद शुरू की हुई। पार्टी की घोषणा तो नहीं हुई, लेकिन 2017 पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धू के कांग्रेस में एंट्री हो गई, लेकिन सिद्धू के बड़बोलेपन ने कांग्रेस में भी उनका खेल बिगड़ गया और उनके पंजाब के शिरोमिण गुरूदारा अकाली दल से टूटकर बने एक नए दल में जाने की अटकलें हैं।

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माना जा रहा है कि बीजेपी छोड़ने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का राजनीतिक कैरियर ही नहीं, प्रोफेशनल कैरियर में कभी ठहराव नहीं आया और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अदावत ने उनका राजनीतिक कैरियर लगभग डुबा दिया है। यही हाल उनके प्रोफेशनल कैरियर का रहा। कॉमेडी नाइट विद कपिल शो के जज करने वाली सिद्धू को पाकिस्तान यात्रा और पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल बाजवा के साथ गलबहियां भारतीय दर्शकों को पसंद नहीं आई।

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शो मैनेजमेंट को उन्हें जज की कुर्सी से हटाना पड़ गया। माना जाता है कि नवजोत सिंह सिद्धू का बंटाधार राजनीति और कॉमेडी को एक साथ मिक्स करने के चक्कर में हुआ। कांग्रेस में सिद्धू का अवतरण भी कॉमेडी तरीके से हुआ और अब वहां रूखसती में भी कॉमेडी का पुट देखा जा रहा है।

वर्ष 2017 पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिद्धू को पूर्वी अमृतसर के न्यू प्रीति नगर विधानसभा से खड़ा किया और वो विधायक चुने गए और कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में बनी सरकार में बिजली मंत्री बनाए गए। चूंकि सिद्धू की पार्टी में एंट्री पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और तत्कालीन सर्वसर्वा से हुई थी तो सिद्धू कैप्टन अमरिंदर सिंह को हल्के में लेते थे।

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बड़बोलेपन सिद्धू की यह गलती उन पर भारी पड़ी और जल्द ही उन्हें पंजाब कैबिनेट से बाहर कर दिया गया। यहां राहुल गांधी भी उन्हें बचाने नहीं आएं। क्योंकि पंजाब में कांग्रेस की सत्ता कैप्टन अमरिंदर के कंधों पर मिली थी, लेकिन सिद्धू ने पानी मे रहकर मगर से बैर कर लिया।

पंजाब कैबिनेट से निकाले जाने के बाद कांग्रेस में सिद्धू का कद लगातार गिरता गया। पहले खबर थी कि उन्हें दिल्ली बुलाया जाएगा, यह खबर अटकलें ही बनकर रह गईं। फिर खबर आया कि उन्हें पंजाब कांग्रेंस संगठन में बिठाया जाएगा, लेकिन वहां भी बात नहीं बनी।

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क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह ही नहीं कांग्रेस भी नहीं चाहती थी कि प्रदेश संगठन का काम सिद्धू को सौंपकर पंजाब में गुटबाजी का जन्म दिया जाए। कांग्रेस वैसे भी हरियाणा समेत कई राज्यों में गुटबाजी से परेशान है। सिद्धू का बड़ा झटका तब लगा जब वर्ष 2019 हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान उनका नाम स्टार प्रचारक की लिस्ट से हटा दिया गया।

ये वही सिद्धू हैं, जिनकी हाजिर जवाबी और हंसोड़ छवि ने उन्हें बड़ा राजनीतिक मंच प्रदान किया था, लेकिन नकारात्मक और बड़बोलपन ने सिद्धू की छवि को ऐसा झटका लगा कि पिछले लंबे समय से सियासत से दूर हैं। कांग्रेस आलाकमान की चुप्पी से सिद्धू भी लगातार चुप्पी साधे रहे।

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लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव की गर्माहट में एक बार फिर सिद्धू को लेकर पंजाब की राजनीति गर्म हो गई है। एक ओर कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची में सिद्धू को जगह दी है तो वहीं दूसरी ओर शिरोमणि अकाली दल से टूटकर बनी पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का लालच देकर पार्टी ज्वाइन करने का ऑफर दिया है।

शिअद टकशाली नामक पार्टी ने ऐलान किया है कि अगर सिद्धू साथ आते हैं तो वे विधानसभा चुनाव में सीएम चेहरा भी होंगे। हालांकि अभी भी नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से कोई बयान नहीं आया है। शिअद टकशाली लगातार सिद्धू को अपने पाले में लाने की कोशिश में लगी हुई है।

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इसी पार्टी के नेताओं ने पंजाब में बादल परिवार के वर्चस्व को समाप्त करने के लिए पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को अपने साथ लाने की नई मुहिम शुरू की है। टकसाली नेताओं ने सिद्धू को अपने साथ लाने के लिए पूर्व सांसद डॉ. रतन सिंह अजनाला को जिम्मेदारी सौंपी है।

पंजाब के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू नई पारी शुरू कर सकते हैं। सिद्धू को लेकर कयासबाजी शिरोमणि अकाली दल से टूटे नेताओं द्वारा बनाए गए शिरोमणि अकाली दल टकसाली ने ऑफर से शुरू हुई है। शिअद टकसाली ने अकालियों के धुर विरोधी नवजोत सिंह सिद्धू से अपनी पार्टी का नेतृत्‍व करने की अपील की है।

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शिअद टकसाली ने कहा है कि सिद्धू हमारा नेतृत्‍व करें, हम उन्‍हें मुख्‍यमंत्री पद का उम्‍मीदवार बनाएंगे। हालांकि चुटकी लेते हुए सुखबीर सिंह बादल की पार्टी शिअद ने कहा कि अगर सिद्धू शिअद ज्वाइन करते हैं तो टकसालियों को अपना नाम 'ठोको ताली दल' रख लेना चाहिए।

शिअद टकसाली के नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा का कहना है कि उनका मकसद सिख संस्थाओं को बादलों से आजाद करवाना है। ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू जैसे नेता को पार्टी में लाने और उनकी अगुआई से उन्हें खुशी होगी। सिद्धू को शिअद टकसाली में लाने और उनको पार्टी का नेतृत्‍व सौंपने की मांग रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने दो दिन पहले दिल्ली में सफर-ए-अकाली कार्यक्रम के दौरान की थी।

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दिलचस्प बात यह है कि एक ओर टकसाली नेता अकाली परंपराओं को पुनर्जीवित करने की बात कर रहे हैं और दूसरी ओर सिद्धू जैसे नेता को अपनी पार्टी की अगुआई का न्योता दे रहे हैं, जिनका अकाली परंपराओं से दूर-दूर तक नाता नहीं है। बड़ा सवाल यह है कि सिद्धू क्या थामेंगे शिअद टकसाली का हाथ या कांग्रेस के हाथ अभी नहीं छोड़ेंगे।

यह भी पढ़ें- तो क्या सच में हो रही है नवजोत सिंह सिद्धू की 'कपिल शर्मा शो' में वापसी?

2016 में बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने वाले थे सिद्धू

2016 में बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने वाले थे सिद्धू

2016 में बीजेपी की राज्यसभा छोड़ने के बाद भी आम आदमी पार्टी को अपनी शर्तें मनवाने में नाकाम रहे सिद्धू अब अलग राजनीतिक पार्टी "आवाज-ए-पंजाब (आप) बनाने की घोषणा की थी। राज्यसभा से 18 जुलाई को इस्तीफे के बाद अटकलें थीं कि सिद्धू आप में जाएंगे। 12 अगस्त को वह केजरीवाल से मिले भी थे। इसके बाद 19 अगस्त को केजरीवाल ने ट्वीट किया था, "आप में आने की कोई शर्त नहीं है। उन्हें बस सोचने का वक्त चाहिए। हालांकि कुछ दिनों नई पार्टी की बातें हवाहवाई हो गईं और सिद्धू कांग्रेस को हो लिए थे।

पिछले छह महीने से चुप्पी साधे हुए हैं नवजोत सिंह सिद्धू

पिछले छह महीने से चुप्पी साधे हुए हैं नवजोत सिंह सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा दिए छह माह से अधिक हो गया है। इस्तीफा देने के बाद से वह चुप्पी साधे हुए हैं। सिद्धू की चुप्पी से भले ही पंजाब कांग्रेस को कोई असर नहीं पड़ रहा हो, लेकिन पार्टी हाईकमान बेचैन है। कांग्रेस हाईकमान चाहता है कि सिद्धू को फिर सक्रिय राजनीति में हिस्सा लें, लेकिन हाईकमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सेे सीधी टक्कर भी नहीं लेना चाहता।

सिद्धू से क्यों नाराज हुए पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह

सिद्धू से क्यों नाराज हुए पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह

नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर समय-समय पर कटाक्ष किए। हैदराबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सिद्धू ने कहा था कि मेरे कैप्टन तो राहुल गांधी हैंं। कैप्टन अमरिंदर सिंह तो पंजाब के कैप्टन हैंं। यहींं नहीं, जब पुलवामा में आतंकवादियों ने सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया तब भी कैप्टन और सिद्धू के वैचारिक मतभेद उभर कर सामने आए। कैप्टन ने विधानसभा में पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का बयान दिया तो सदन के बाहर सिद्धू ने कहा कि कुछेक लोगों की गलती से पूरे मुल्क को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। रही सही कसर सिद्धू ने लोकसभा चुनाव के दौरान कैप्टन को बादलों के साथ रिश्तों को जोड़ते हुए बयान दिया, जिसे लेकर कैप्टन खासे नाराज हो गए।

लोकसभा में 5 सीटों पर कांग्रेस की हार का ठीकरा सिद्धू के सिर फूटा

लोकसभा में 5 सीटों पर कांग्रेस की हार का ठीकरा सिद्धू के सिर फूटा

लोकसभा में पांच सीटों पर कांग्रेस की हार का ठीकरा कांग्रेस ने सिद्धू के पर फोड़ा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने 15 मंत्रियों के विभागों में फेरबदल कर दिया। मुख्यमंत्री ने सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग लेकर ऊर्जा विभाग दे दिया, जिससे सिद्धू खासे नाराज हो गए। बाद में उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया।

बीच का रास्ता निकालने में जुटी हुई हैं सोनिया गांधी

बीच का रास्ता निकालने में जुटी हुई हैं सोनिया गांधी

कांग्रेस की राजनीति में यह बात तेजी से उभर रही है कि सोनिया गांधी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को बुलाया है। हालांकि आंखों का आपरेशन करवाने के कारण कैप्टन अभी तक दिल्ली नहीं गए हैं। पार्टी के उच्चस्तरीय सूत्र बताते हैं कि सोनिया कैप्टन से सिद्धू को लेकर चर्चा करना चाहती हैं ताकि कैप्टन और सिद्धू के रिश्ते में आई दरार को भरा जा सके।

Comments
English summary
It is believed that after leaving the BJP, Navjot Singh Sidhu's political and professional career could never come to a standstill. Enmity with Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh has almost dented his political career in the Congress. The same situation happened for his professional career. The Indian audience did not like Sidhu, who judges Comedy Night with Kapil Show, traveling to Pakistan and hugging Pakistan Army Chief General Bajwa.
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