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आखिर भारत से क्‍या चाहते हैं जिनपिंग और उनकी सेना

By Vivek
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नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) राष्ट्रपति शी जिनपिंग बुधवार को भारत पहुंचेंगे संबंधों को मजबूत करने, भारत चीन साझेदारी को सशक्त करने और उनकी लाल सेना लद्दाख में घटियापन पर उतारु है। जानकारों का कहना है कि भारत सरकार चीनी सैनिकों की हरकत पर नजर बनाए हुए है।

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चीन की दादागिरी

जानकारी के अनुसार, लद्दाख में फिर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। 300 चीनी सैनिकों ने 100 भारतीय सैनिकों को घेर लिया है और उन्हें जाने नहीं दे रहे। रक्षा मामलों के जानकार डा. अरुण कुमार कहते हैं कि चीन की यह हरकत कल्पना से परे है।

घटना लद्दाख के चुमुर इलाके की है। भारत की जमीन पर चीनी सैनिकों की यह दादागिरी आखिर क्यों? देखा जाए तो यह चीनी सैनिकों द्वारा भारत में घुसकर हमारे सैनिकों को एक तरह से बंधक बना लेना है।

भारत को सतर्क रहने की सख्‍त जरूरत

11 सितंबर को समाचार के अनुसार चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार भारतीय सीमा में 500 मीटर अंदर घुस गई और तंबू गाड़ दिए। वे लगातार वहीं पर जमे हुए हैं। पिछले ही महीने चीनी सैनिक भारतीय

सीमा के अंदर 25 किलोमीटर तक घुस आए थे। इस तरह की घटनाओं में पिछले 2 सालों में तेजी से वृद्धि हुई है। वरिष्ठ लेखक अवधेश कुमार ने बताया कि इसी वर्ष चीनी सैनिकों की घुसपैठ की 334 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

हालांकि सेना के सूत्र मानते हैं कि चीन की ओर से लगातार बढ़ती घुसपैठ की घटनाएं गंभीरता का विषय हैं लेकिन चीन एक ऐसा पड़ोसी है जिससे भारत को ज्‍यादा डरने की जरूरत नहीं।

चीन, पाकिस्‍तान की तरह भारत में आतंकवाद को नहीं पनपा रहा है। चीन का मकसद कहीं न कहीं भारत पर दबाव डालना है। इसलिए वह अक्‍सर ही इस तरह की हरकतें करने पर उतारु रहता है। वहीं खुद नॉर्दन कमांड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस

हुड्डा के साथ ही कई विशेषज्ञ इस बात को कहते रहते हैं कि चीन और भारत के बीच लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल को लेकर काफी कंफ्यूजन है और इस तरह की हरकतें होती रहती हैं।

लेकिन वहीं वह इस बात को कहने से भी नहीं हिचकते हैं कि भारत को हमेशा सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।

नहीं बदला चीन का रुख

जानकारी के अनुसार, इंडो-तिब्बत बोर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के 70 जवानों को इलाके में तैनात किया गया।

दरअसल, भारतीय सेना के गश्ती दल ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अधिकारियों को अपने बेस कैंप से भारतीय सीमा के 25 से 30 किलोमीटर अंदर चीनी सैनिकों को देखा था। इसके बाद गश्ती दल लौट आया था।

अगले दिन जब जवान फिर गश्ती पर निकले तब भी चीनी सैनिकों की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया था और उन्होंने यह चीनी क्षेत्र है वापस जाओ लिखा हुआ झंडा ले रखा था।

भारतीय गश्ती दल के साथ क्विक रिएक्शन टीम भी गई लेकिन चीनी सैनिकों ने जगह छोड़ने से मना कर दिया।

Comments
English summary
Indo-china troops facing each-other in Ladakh. However India needs to be more careful while dealing with China.
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