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मई से अब तक 800 ट्रेनों से 10 लाख श्रमिक पहुंचे अपने गृह राज्य: भारतीय रेलवे

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण को रोकने के लिए देश में काफी समय से लॉकडाउन लगा हुआ है। जिसके चलते प्रवासी मजदूरों की स्थिति काफी खराब है। प्रवासी मजदूर अपने कामकाज के ठप होने के कारण परेशान हैं और अपने घरों की ओर जाना चाहते हैं। प्रवासी मजदूर अब भी आपको अपने घर जाने के लिए सड़क पर पैदल चलते हुए दिख जाएंगे। ऐसी खबरें भी रोज आ रही हैं कि कहीं सड़क हादसे के कारण 5 मजदूरों की मौत हो गई तो कहीं रेलवे की पटरी पर सोने के कारण मजदूरों की मौत हो गई।

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इस बीच रेलवे ने खबर दी है कि 1 मई, 2020 से श्रमिक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से अब तक 10 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचा दिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, भारतीय रेलवे ने कहा है, '1 मई 2020 से भारतीय रेलवे ने 800 गाड़ियों में 10 लाख श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया है।' कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन की अवधि अब पूरी होने वाली है। इस बीच रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल और अपने घर से दूर फंसे लोगों के लिए एसी स्पेशल ट्रेन चलाई हैं।

बता दें एसी स्पेशल ट्रेन के बाद अब रेल मंत्रालय स्पेशल मेल और एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की तैयारी भी कर रहा है। इन ट्रेनों के लिए टिकट की बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ही हो सकती है। लॉकडाउन के कारण लोगों की समस्या को देखते हुए रेलवे 12 मई से 15 जोड़ी ट्रेन चला रहा है। 15 मार्गों पर कुल 30 ट्रेनें चलाई जा रही हैं। ये विशेष ट्रेनें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू-तवी को जा रही हैं।

लॉकडाउन की वजह से देशभर में फंसे लाखों लोग यात्रा न कर पाने से परेशान है, ये लोग अब पैदल ही अपने घर की ओर निकल पड़े हैं। रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार तक स्पेशल ट्रेनों में सफर के लिए 2,08,965 लोग अगले सात दिनों की यात्रा के लिए टिकट बुक करवा चुके हैं। जिन लोगों को टिकट नहीं मिल पा रही है, वो पैदल ही अपने घरों की ओर जा रहे हैं।

संकट के बीच अपने घरों तक पैदल चल पडे़ प्रवासी मजदूर, अभी तक कई हुए इन हादसों का शिकारसंकट के बीच अपने घरों तक पैदल चल पडे़ प्रवासी मजदूर, अभी तक कई हुए इन हादसों का शिकार

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English summary
Indian Railways carried 10 lakh shramiks in 800 trains to their home state since 1 May
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