Indian Navy Day: नौसेना प्रमुख ने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को किया नमन
मुंबई। भारतीय सेना और वायुसेना की तुलना में शायद आप भारतीय नौसेना (इंडियन नेवी) के बारे में कम बातें करते हैं। चार दिसंबर को इंडियन नेवी ने अपना 49वां नेवी डे या नौसेना दिवस मनाया। इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इनके अलावा उप-नौसेना प्रमुख हरी कुमार ने भी इस मौके पर शहीदों को नमन किया।

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क्यों मनाया जाता है नेवी डे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमाम लोगों ने नौसेना दिवस की शुभकामनाएं देशवासियों और नौसेना को दी है। नेवी डे का इतिहास अगर आप टटोलेंगे तो आपको सन् 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई तीसरी जंग का जिक्र मिलेगा। इस जंग ने अगर भारत को दुनिया के नक्शे पर नई पहचान दी तो वहीं दुनिया को दिखा दिया कि इंडियन नेवी कितनी ताकतवर है और वह क्या कर सकती है। आजादी के बाद हुए इस तीसरे युद्ध में इंडियन नेवी ने मोर्चा संभाला और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया था। तीन दिसंबर 1971 को भारत और पाक के बीच जंग का ऐलान हुआ। चार दिसंबर को इंडियन नेवी ने अपना मोर्चा संभाल लिया। इंडियन नेवी ने ऑपरेशन ट्राइडेंट की शुरुआत की। नेवी ने पाकिस्तान स्थित कराची के बंदरगाह पर बम बरसाने शुरू किए।
क्या हुआ था 4 और 5 दिसंबर को
चार और पांच दिसंबर तक इंडियन नेवी ने पाक को मुंहतोड़ जवाब दिया। उस युद्ध के बाद हर वर्ष इंडियन नेवी के योगदान को सराहने और देशवासियों को नेवी की अहमियत बताने के लिए ही नेवी डे की शुरुआत की गई। ऑपरेशन ट्राइडेंट ही वह पल था जब इंडियन नेवी ने पहली बार एंटी-शिप मिसाइलों को कराची के नेवल हेडक्वार्टर पर बम बरसाने शुरू किए। ऑपरेशन ट्राइडेंट में इंडियन नेवी के विद्युत क्लास की मिसाइल नाव आईएनएस निपट, आईएनएस निरघट और आईएनएस वीर शामिल थे। इंडियन नेवी ने दो एंटी-सबमरीन और एक टैंकर के साथ यह ऑपरेशन शुरू किया था। पांच पाकिस्तानी नाविकों और 700 नागरिक घायल हो गए थे।ऑपरेशन ट्राइडेंट को इंडियन नेवी के सबसे सफल ऑपरेशन में से एक माना जाता है। इंडियन नेवी की ताकत 58,000 सैनिकों से भी ज्यादा की है।