भारतीय सेना अब हर आपात स्थिति के लिए तैयार, टैंकों और भारी हथियारों के साथ दौड़ी मिलिट्री ट्रेन
नई दिल्ली, 15 जून: भारतीय सेना का रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जरिए टैंकों, सैन्य वाहनों और भारी उपकरणों की ढुलाई का ट्रायल सफल रहा है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को भारतीय रेलवे ने विकसित किया है। इसका मतलब ये हुआ है कि अब भारतीय सेना किसी भी आपात स्थिति में ऐसे डेडिकेटेड कॉरिडोर के जरिए अपने भारी हथियारों को रेल मार्ग से तेजी से ढुलाई के लिए किसी भी आपात स्थिति में तैयार रहेगी और बहुत ही कम समय में सेना की जरूरतों के ये साजो-सामान मोर्चे तक पहुंचाए जा सकेंगे। मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के एक साल पूरे होने पर यह सफल ट्रायल उन 20 भारतीय शहीद जवानों के लिए भी एक सम्मान की तरह देखा जा सकता है।
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टैंकों और भारी हथियारों के साथ दौड़ी मिलिट्री ट्रेन
भारतीय रेलवे ने यह डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी)हाल ही में विकसित किया है। भारतीय सेना ने कहा है कि डीएफसी बनाकर रेलवे ने पूरे भारत में सामानों की तेजी से ढुलाई सुनिश्चित कर दी है। भारतीय सेना ने यह सफल ट्रायल सोमवार (14 जून ) को मिलिट्री ट्रेन पर टैंक, वाहन और भारी उपकरण न्यू रेवाड़ी से न्या फुलेरा के बीच ढोकर पूरा किया है और इस कॉरिडोर की क्षमता की पुष्टि कर दी है। सेना की ओर से कहा गया है कि 'डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) और भारतीय रेलवे के साथ भारतीय सेना की ओर से चुनौतिपूर्ण, लेकिन सही समन्वय से सशस्त्र बलों की लामबंदी क्षमता में भारी इजाफा होगा। इस तरह का ट्रायल राष्ट्र के संसाधनों के भरपूर और बिना बाधा के इस्तेमाल के नजरिए से किया गया है, जिसमें कई मंत्रालयों को विभागों का तालमेल जरूरी रहता है।'
सशस्त्र बलों की लामबंदी क्षमता में इजाफा होगा-रेल मंत्री
भारतीय रेलवे की मदद से भारतीय सेना को इस ट्रायल रन में मिली कामयाबी पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर लिखा है, 'वाहनों और उपकरणों के साथ मिलिट्री ट्रेन का सफल ट्रायल रन न्यू रेवाड़ी से न्यू फुलेरा के बीच किया गया, जिससे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के प्रभावी होने की पुष्टि हुई। डीएफसी भारत के झंडे के लिए सशस्त्र बलों की लामबंदी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा।' सेना इस ट्रायल को सशस्त्र बलों की ऑपरेशनल तैयारी को बढ़ाने के लिए रास्ता तैयार करने की प्रक्रिया में पहला कदम मान रही है। सेना के मुताबिक इस तरह की पहल से राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे के विकास में सैन्य जरूरतों को जोड़ने के लिए योजना बनाते समय ही उसे प्रक्रियाओं में शामिल करना सुनिश्चित हो सकेगा।
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पीएम मोदी ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को गेमचेंजर बताया है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 7 जनवरी को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की 306 किलोमीटर लंबी रेवाड़ी-मादर सेक्शन का उद्घाटन किया था। यह वेस्टर्न कॉरिडोर का हिस्सा है। गौरलतब है कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत दो कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। वेस्टर्न डीएफसी 1,506 किलोमीटर लंबा है और ईस्टर्न डीएफसी 1,875 किलोमीटर लंबा है। उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि इन दोनों कॉरिडोर को भारत के लिए गेमचेंजर के रूप में देखा जा रहा है। रेवाड़ी-मदार सेक्शन हरियाणा और राजस्थान राज्यों में आता है, जिसमें 9 डीएफसी स्टेशन शामिल हैं। इन्हीं में रेवाड़ी और न्यू फुलेरा जंक्शन भी शामिल हैं, जहा मिलिट्री ट्रेन का ट्रायल रन हुआ है। (दूसरी और तीसरी तस्वीर- फाइल)