पाकिस्तान के न्यूक्लियर अटैक से जंग के मैदान में भारतीय जवानों की रक्षा करेगा एक खास सूट
लड़ाई के मैदान में जवानों को पहुंचाने के लिए उपयोग की जानेवाली सेना की खास गाड़ी के लिए यह सूट बनाया जाएगा।
दिल्ली। युद्ध के मैदान में दुश्मन देशों के नाभिकीय हथियारों का सामना करने के लिए भारतीय सेना ने एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत जंगी इलाके में सिपाहियों को ले जाने वाली खास गाड़ी के लिए ऐसे एडवांस्ड एनबीसी सूट बनाए जाएंगे जो न्यूक्लियर अटैक से रक्षा करेगा। यह सूट खतरे को भांपकर उसके खिलाफ खुद ही एक्शन लेगा।
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पाकिस्तान के परमाणु हमले के मद्देनजर लिया गया फैसला
पाकिस्तान ने शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल हत्फ -9 का विकास किया है जो टैक्टिकल न्यूक्लियर वारहेड से लैस है।
टैक्टिकल न्यूक्लियर वारहेड को नॉन स्ट्रेटेजिक न्यूक्लियर वेपन भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल जंग के मैदान में दूसरे देश की सेना को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है।
पाकिस्तान के इस हथियार को ध्यान में रखते हुए भारतीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में हुई डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल की बैठक में 1500 एडवांस्ड न्यूक्लियर बायोलोजिकल एंड केमिकल प्रोटेक्शन सूट (NBC) बनाने का फैसला लिया गया।
यह सूट सेना की उस खास गाड़ी के लिए बनाया जाएगा जो जवानों को युद्ध के मैदान में ले जाने और वहां से लाने में उपयोग किया जाता है। इस खास गाड़ी को आर्मर्ड पर्सनल कैरियर्स यानि APC कहा जाता है।
एक एपीसी में हथियारों से पूरी तरह लैस 10 जवान होते हैं। भारतीय सेना के पास फिलहाल लगभग 1800 एपीसी हैं।
योजना पर 1265 करोड़ रु होंगे खर्च
एपीसी के लिए एडवांस्ड एनबीसी सूट बनाने में 1265 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस सूट को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड बनाएगी और डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) इसकी डिजाइन तैयार करेगा।
फिलहाल आर्मी के पास जो एनबीसी सूट्स हैं उसे मैनुअली ऑपरेट किया जाता है। डिफेंस सूत्रों का कहना है कि इससे बेहतर और ऑटोमेटेड एनबीसी सूट्स की जरूरत है।
इस एडवांस्ड एनबीसी सूट में सेंसर लगे होंगे जो तुरंत आनेवाले खतरे को डिटेक्ट कर लेंगे। इसके बाद जवानों की सुरक्षा के लिए यह सूट उस खतरे के खिलाफ खुद ही एक्शन लेगा।
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