पाकिस्तान की भाषा बोलने वाले मलेशिया की और बढ़ेंगी मुश्किलें, पाम ऑयल के बाद सरकार उठाने जा रही ये कदम
नई दिल्ली। भारत के खिलाफ पाकिस्तान की भाषा बोलने के चलते मलेशिया को अब बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भारत द्वारा पाम ऑयल (ताड़ का तेल) के आयात में कटौती के बाद मलेशिया की कमर टूट चुकी है। कश्मीर पर धारा 370 हटाए जाने का विरोध करने वाला देश मलेशिया को इन दिनों भारत की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत अब पाम ऑयल के बाद अन्य चीजों की खरीददारी पर रोक लगा सकता है।
गौरतलब है कि भारत द्वारा पाम ऑयल के आयात में कटौती के बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा था कि हम भारत को जवाब देने के लिए बहुत छोटे देश हैं लेकिन इस समस्या से निकलने के लिए सरकार की कोशिशे जारी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत सरकार सिर्फ पाम ऑयल तक रुकने वाली नहीं है। सरकार अब मलेशिया से आने वाली अन्य वस्तुओं पर भी रोक लगाने वाली है। दावा किया जा रहा है कि कैबिनेट सचिव ने इस सिलसिले में वाणिज्य मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा है।
इन
वस्तुओं
के
आयात
में
हो
सकती
है
कटौती
इस
पत्र
में
पाम
ऑयल
के
अलावा
मलेशिया
से
आयात
किए
जाने
वाले
पेट्रोलियम
क्रूड
ऑयल,
रिफाइंड
पाम
ऑयल,
क्रूड
पाम
ऑयल,
कॉपर
एलुमिनियम
वायर,
कम्प्यूटर
पार्ट्स,
माइक्रोप्रोसेसर,
एलएनजी
समेत
कई
वस्तुएं
शामिल
हैं।
अगर
मीडिया
में
किए
जा
रहे
दावे
सच
साबित
होते
हैं
तो
मलेशिया
को
भारी
नुकसान
का
सामना
करना
पड़
सकता
है।
बता
दें
कि
मुस्लिम
बहुल
देश
मलेशिया
दुनिया
में
पॉम
ऑयल
के
दूसरा
सबसे
बड़ा
उत्पादक
और
निर्यातक
है।
लेकिन,
जब
भारत
के
आंतरिक
मामलों
में
मलेशिया
के
दखल
देने
की
कोशिशों
के
बाद
दोनों
देशों
के
संबंधों
में
कड़वाहट
पैदा
हुई
और
भारत
ने
वहां
से
पॉम
ऑयल
का
आयात
कम
कर
दिया
तो
मलेशियाई
पॉम
ऑयल
की
बेंचमार्क
कीमतों
में
पिछले
शुक्रवार
को
11
वर्षों
में
रिकॉर्ड
सबसे
बड़ी
गिरावट
दर्ज
की
गई।
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