इंडियन एयर फोर्स के लिए भारत में ही बनेगा तेजस लड़ाकू विमान का ग्लोबल मार्केट
नई दिल्ली। डोकलाम विवाद खत्म होने के बाद सरकार अब एक विदेशी कंपनी के साथ मिलकर भारत में ही 100 सिंगल इंजन वाले फाइटर जेट तैयार करने की योजना बना रही है। इस योजना पर बिलियन डॉलर खर्च कर भारत तेजस लड़ाकू विमान का एक ग्लोबल मार्केट खड़ा करने जा रहा है।
सरकार को यह निर्णय इसिलए लेना पड़ा क्योंकि इससे पहले हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड इंडियन एयर फोर्स की जरूरत के मुताबिक तेजस का निर्माण नहीं हो पा रहा था। अब तक सिंगल इंजन फाइटर का निर्माण सिर्फ अमेरिकन कंपनी लॉकहीड मार्टिन और स्वीडन की साब (SAAB) ही करती आई है, लेकिन भारत में भी अब इस लड़ाकू विमान को तैयार का निर्णय ले लिया गया है।
वर्तमान में इंडियन एयर फोर्स (आईएएफ) के पास सिर्फ 14 से 16 लड़ाकू विमान है, जबकि जरूरत के मुताबिक करीब 42 स्क्वाड्रन होने चाहिए। भारत के जो लड़ाकू विमान है उनमें से 11 तो रूस से खरीदे गए मिग-21 और मिग-27 है, जो अगले तीन साल बाद निष्क्रिय हो जाएंगे।
2016
में
इंडियन
एयर
फोर्स
को
सिर्फ
तीन
तेजस
मिले
थे।
हालांकि
अब
इंडियन
एयर
फोर्स
ने
120
तेजस
की
मांग
कर
दी
है।
भले
ही
हिन्दुस्तान
ऐरोनॉटिक्स
लिमिटेड
ने
प्रोडक्शन
क्षमता
को
बढ़ाया
है,
लेकिन
वे
साल
में
8
से
12
ही
तेजस
का
ही
निर्माण
कर
पाते
हैं।
सूत्रों
की
मानें
तो
रक्षा
मंत्रालय
ने
इंडियन
एयर
फोर्स
को
तेजस
मांग
के
लिए
अंतिम
रूप
देने
को
कहा
है
ताकि
ग्लोबल
टेंडर
से
करार
किया
जा
सका।
कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद जल्दी ही भारत में रणनीतिक साझेदारी के तहत जल्द ही तेजस का निर्माण शुरू हो जाएगा। इस योजना के तहत इंडियन एयर फोर्स इन लड़ाकू विमान की टेक्नोलॉजी और भारत सरकार इसके विदेशी उपकरण पर निर्णय लेगी।