WHO में भारतीय प्रतिनिधि ने डेंगू, चिकनगुनिया पर सरकार की प्रणाली पर उठाए बड़े सवाल
नई दिल्ली। भारत सरकार की स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में भारतीय प्रतिनिधि ने कहा है कि यह प्रकोप का सही आंकड़े नहीं बता रहे हैं।
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उनका इशारा सरकार की ओर से चिकनगुनिया और डेंगू के मामलों में कम लोगों की संख्या बताने की ओर था। दिल्ली स्थित WHO में प्रतिनिधि हेन्क बेकडम ने निगरानी प्रणाली और लैबोरेट्री क्षमता पर लगातार निवेश करने की बात कही है।
क्षमता सिर्फ कुछ सरकारी अस्पतालों में
उन्होंने कहा कि भारत में बीमारियों को पहचानने की क्षमता सिर्फ कुछ सरकारी अस्पतालों में हैं। यह प्रणाली उन मरीजों को नजरअंदाज कर रहा है जो इलाज के लिए प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों में जाते हैं।
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कहा गया कि कुल जनसंख्या का बड़ा हिस्सा इलाज के लिए प्राइवेट सेक्टर का रुख करता है। पूरे देश पर पड़ रहे भार को समझने के लिए इन आंकड़ों को भी शामिल करना होगा।
हेन्क ने कहा कि WHO सिर्फ लैबोरेट्री से प्रमाणित डेंगू के रिपोर्टिंग की बात नहीं कर रहा है बल्कि उन संभावित मामलों की जांच के लिए भी कह रहा है जो लोग प्राइवेट सेक्टर में इलाज के लिए जा रहे है।