ब्रिटेन के लेस्टर में हिन्दू-मुसलमान तनाव का भारत-पाकिस्तान कनेक्शन ?
ब्रिटेन के लेस्टर में बीते कुछ दिनों में जो तनाव और हिंसा की घटनाएं देखने को मिली हैं उनका भारत और पाकिस्तान से क्या कोई संबंध है.
ब्रिटेन के लेस्टर की हिंसा से भारत या पाकिस्तान के किसी भी व्यक्ति या संगठन के जुड़े होने का कोई लिंक नहीं मिला है.
लेकिन इस हिंसा में हिन्दू-मुसलमान और भारत-पाकिस्तान वाला तनाव मौजूद है. इस हिंसा में दक्षिण एशिया में दिखने वाले धर्म और राष्ट्रीयता का भेद नज़र आता है.
भारत और पाकिस्तान तक़रीबन हमेशा एक-दूसरे से भिड़ने को तैयार नज़र आते हैं. भारत की ज़्यादातर आबादी हिन्दू है जबकि पाकिस्तान में ज़्यादातर मुस्लिम रहते है. भारत में सत्ता पर क़ाबिज़ हिन्दू राष्ट्रवाद वाली भारतीय जनता पार्टी और इस विचारधारा को जन्म देने वाले संगठन आरएसएस यानि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर मुस्लिमों को दबाने का आरोप लगता है.
इसी तरह से पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के ख़िलाफ़ होने वाली घटनाओं की ख़बरें भी अक्सर सामने आती हैं.
धर्म और देश का विभाजन
1947 में भारत और पाकिस्तान की आज़ादी के बाद से ही दोनों देशों में धर्म और राष्ट्रीयता की पहचान का टकराव होता रहा है.
हाल के वर्षों में, ख़ासकर साल 2014 में भारत में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद विदेशों में रहने वाले भारतीयों में बीजेपी और आरएसएस का असर साफ दिखाई देता है. विदेशों में रहने वाले कई भारतीयों ने बीजेपी के कट्टर राष्ट्रवाद के तरीकों को अपनाया है.
भारत सरकार और यहां की मीडिया भी अक्सर पाकिस्तान और यहां की ख़ुफिया एजेंसी आईएसआई पर पश्चिमी देशों में भारत विरोधी गतिविधियां चलाने का आरोप लगाती है. ख़ासकर ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में.
ख़बरों के मुताबिक़ सितंबर 2019 में लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में भारत और ब्रिटेन आमने-सामने थे. भारत ने गहरी चिंता जताते हुए कहा था कि यह ग़ैर क़ानूनी प्रदर्शन पाकिस्तान के भड़काए लोगों ने किया था और यह संगठित उपद्रव था. जबकि ब्रिटेन ने इसे कुल मिलाकर शांतिपूर्ण बताया था.
मीडिया ने ब्रिटेन के संकट को बढ़ाया
28 अगस्त को भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच के बाद ही सबसे पहले लेस्टर में हिंसा हुई थी. इसमें मैच के बाद दोनों देशों में मीडिया रिपोर्टिंग और सोशल मीडिया की भूमिका पहले तो सीमित थी.
लेकिन दोनों देशों की कुछ मीडिया ने इसके फ़ौरन बाद इसमें अलग-अलग तरीक़े से दख़ल देना शुरू कर दिया. भारत के कई न्यूज़ चैलनों ने ऐसे वीडियो दिखाए और बातें कीं जिसमें मुस्लिमों को इस हिंसा के लिए ज़िम्मेवार ठहराया गया. जबकि पाकिस्तान के कुछ अख़बारों ने हिन्दू कट्टरता या हिन्दू राष्ट्रवाद को इसके लिए ज़िम्मेदार बताया.
इस मामले में भारत के बड़े अख़बारों ने आमतौर पर तथ्यों के आधार पर रिपोर्टिंग की. लेकिन भारत में हिन्दी और अंग्रेज़ी के न्यूज़ चैलनों ने हिंसा के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तानी मुस्लिम हमलावरों को ज़िम्मेदार बता दिया.
मसलन, भारत के एक लोकप्रिय न्यूज़ चैलन 'ज़ी न्यूज़' ने इस ख़बर के लिए 'ब्रिटेन में हिन्दू-मुस्लिम बंटवारा: वजह पाकिस्तान' जैसी लाइन का इस्तेमाल किया.
इसमें एंकर ने आरोप लागाया, "बताया जा रहा है कि इस हिंसा के पीछे पाकिस्तानी क्रिकेट प्रशंसकों का हाथ है. आपको याद होगा कि दुबई में 28 अगस्त को टी-20 एशिया कप के पहले मैच में भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया था. इस हार के बाद ब्रिटेन में रहने वाले कुछ पाकिस्तानियों ने वहां हंगामा किया और लेस्टर में फिर से हिंसा भड़क गई. लेकिन इस बार पूरी प्लानिंग के साथ इस हिंसा का मुक़ाबला किया गया."
इसमें एंकर ने यह भी कहा कि दिलचस्प बात यह कि ये पूरा मामला भारत-पाकिस्तान न होकर, हिन्दू-मुसलमान हो गया है.
21 सितंबर को भारत के एक बड़े न्यूज़ चैनल 'टाइम्स नाउ' ने एक रिपोर्ट दिखाई जिसमें 'ब्रिटेन में हिन्दू विरोधी नफ़रत की ज़मीन' जैसी भाषा का इस्तेमाल किया गया. इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि बर्मिंघम में एक इस्लामिक हमले में 200 मुसलमानों ने एक मंदिर की दीवार फ़ांदने की कोशिश की.
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भारत में ऑनलाइन मीडिया में से एक है 'ऑपइंडिया'. यह दक्षिणपंथी झुकाव वाली एक वेबसाइट है. इस पर फ़ेक न्यूज़, झूठ और मुस्लिमों पर तीख़े हमले का आरोप लगता है. ऑपइंडिया ने सीधे तौर पर मुसलमानों पर लेस्टर में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है.
भारत में मीडिया पर नज़र रखने वाली वेबसाइट 'न्यूज़लॉन्ड्री' ने 2020 में बताया था कि ऑपइंडिया का बीजेपी और आरएसएस से बेहद क़रीबी संबंध है.
ऑपइंडिया ने ब्रिटेन में लेस्टर मामले पर कई रिपोर्ट्स की हैं. एक रिपोर्ट में इसने आरोप लगाया है कि मुसलमानों ने हिन्दुओं पर निशाना बनाकर हमला किया है. उसके बाद यह अफ़वाह भी फैलाई कि एक मुसलमान लड़की का अपहरण हुआ है और एक मस्ज़िद पर हमला किया गया है.
20 सितंबर को ऑपइंडिया ने अपने ऑधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि हिन्दुओं पर मुसलमानों के लगातार हमले से लेस्टर जल रहा है.
इस तरह की ख़बरों के बीच एक तथ्य यह भी है कि ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों में कई मुस्लिम भी हैं.
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पाकिस्तानी मीडिया की भूमिका
इस मसले को लेकर पाकिस्तानी मीडिया में ख़बरें काफ़ी कम रही हैं. पाकिस्तान की प्रमुख मीडिया ने शुरुआत में केवल तथ्यों से जुड़ी रिपोर्टिंग की.
हालांकि 21 सितंबर को मीडिया के एक धड़े ने लेस्टर हिंसा के लिए बीजेपी और आरएसएस को ज़िम्मेदार बताते हुए रिपोर्टिंग की. यहां यह जानना ज़रूरी है कि हिंसा के लिए लेस्टर पुलिस ने बीजेपी या आरएसएस की कोई भूमिका नहीं बताई है.
पाकिस्तानी अख़बार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने एक रिपोर्ट में 'ठगों और डकैंतों' का ज़िक्र किया है और बीजेपी और आरएसएस से उनका संबंध बताया है. अख़बार ने लिखा है कि इन्हीं की वजह से लेस्टर में हंगामा हुआ है और इन लोगों ने मुस्लिमों को सरेआम अपशब्द कहे हैं.
इसी तरह से अंग्रेज़ी के प्रमुख अख़बार 'डॉन' ने ब्रिटेन की हिंसा को विदेशी ज़मीन पर हिन्दुओं का सबसे घटिया चेहरा बताया है.
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भारतीय मीडिया की ब्रिटेन के बारे में राय
भारत में कुछ दक्षिणपंथी विचारधारा वाले मीडिया संस्थान लेस्टर की घटना में ब्रिटेन को पीड़ित बता रहे हैं. लेकिन वो इसके लिए ब्रिटेन की आलोचना भी कर रहे हैं और ब्रिटेन को ऐसे मुसलमानों से निपटने में नाकाम बता रहे हैं.
न्यूज़ चैनल 'आज तक' के एंकर सुधीर चौधरी का कहना है, "आज़ादी के पहले ब्रिटिश सरकार ने भारत में हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच जो आग लगाई है और जिसकी वजह से धर्म के आधार पर भारत का बंटवारा हुआ; वही आज ब्रिटेन को जला रहा है."
सुधीर चौधरी के मुताबिक़ ब्रिटेन मुस्लिम तुष्टीकरण की क़ीमत चुका रहा है.
अंग्रेज़ी के जाने-माने न्यूज़ चैनल 'इंडिया टूडे टीवी' के मैनेजिंग ए़डिटर गौरव सावंत ने लेस्टर हिंसा के लिए पुलिस को ज़िम्मेदार ठहराया है.
गौरव ने ट्वीट किया है, ''ख़बरें हैं कि हिन्दू मंदिरों, हिन्दुओं और हिन्दू संपत्ति को सोच-समझकर निशाना बनाया गया है. यह समझ पाना मुश्किल है कि ब्रिटेन जैसे देश में पुलिस की मौजूदगी में कैसे कोई एक मंदिर को अपवित्र कर सकता है. क्या ब्रिटेन मुसलमानों के ख़िलाफ़ कुछ नहीं कर सकता या कुछ करना ही नहीं चाहता.''
इसी तरह की कई भावनाएं सोशल मीडिया पर भी देखने को मिलती हैं. यहां कई ट्विटर यूज़र्स 'HindusUnderAttackInUK'हैशटैग को ट्रेंड करा रहे हैं और मुसलमानों पर आरोप लगाते हुए उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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