चुशुल में मेगाफोन से सेना दे रही है चीनी सैनिकों को LAC से दूर रहने की वॉर्निंग
नई दिल्ली। मंगलवार को पूर्वी लद्दाख के चुशुल सब-सेक्टर में चीन बॉर्डर पर तनाव बरकरार रहा। ब्रिगेड कमांडर की मीटिंग में कोई नतीजा नहीं निकल सका है। भारत ने 30 अगस्त को रणनीतिक रूप से अहमियत रखने वाली ऊंची चोटियों पर कब्जे के बाद अपनी तैनाती मजबूत कर ली है। चीन और भारत के सैनिक एक-दूसरे से अब फायरिंग रेंज की दूरी पर हैं। इस बीच सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों को किसी भी हरकत से रोकने के लिए उन्हें सेना की तरफ से मेगाफोन के जरिए वॉर्निंग दी जा रही है।
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कुछ ही मीटर की दूरी पर सैनिक
सूत्रों का कहना है कि ब्लैक टॉप जिस पर अब भारत का नियंत्रण है, वहां पर भारतीय और चीनी सैनिक बहुत करीब हैं। भारत की सेना ने पैंगोंग लेक के दक्षिणमें ऊंची पहाड़ियों पर कब्जे की कोशिश की थीं। ये पहाड़ियां स्पांग्गुर गैप तक हैं। सेनाओं के बीच में बस कुछ ही मीटर का फासला है। इसके अलावा भारत और चीन दोनों ही तरफ फॉरवर्ड लोकेशंस पर तैनात जवान भारी हथियारों से लैस हैं। भारत और चीन के बीच सोमवार और फिर मंगलवार को ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता हुई है लेकिन हालातों में कोई बदलाव नहीं आया है। 29 और 30 अगस्त को पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने चुशुल में घुसपैठ की कोशिशें की थी।
लगातार दी जा रही है वॉर्निंग
सोमवार को चीनी जवानों ने भारतीय जवानों तक पहुंचने की कोशिश की थी। उन्हें करीब न आने की चेतावनी भी दी गई थी। इसके अलावा मेगा फोन्स के जरिए कई तरह की चेतावनियां उन्हें दी गई थीं। इस तरह से उन्हें सीमा के अंदर आने से रोका गया। स्पांग्गुर गैप पर अब ऊंची पहाड़ियों के जरिए नजर रखी जा रही है। टी-90 टैंक्स यहां पर तैनात हैं और साथ ही हर पल रेजांग ला और रेकिन ला पर जवान पूरी तरह से चौकस हैं। 29 और 30 अगस्त को चीन ने एक बार फिर लद्दाख में घुसपैठ करने की कोशिशें कीं।