भारत का मौजूदा आर्थिक माहौल पूर्वानुमान से भी कमजोर, इसमें वित्तीय सुधार की जरूरत- IMF
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया था। पिछले महीने आईएमएफ ने 2021 में विकास दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। वहीं, एक बार फिर आईएमएफ ने कहा है कि भारत का मौजूदा आर्थिक माहौल पूर्वानुमानों से भी कमजोर है और इसे जल्द ही महत्वाकांक्षी संरचनात्मक और वित्तीय सुधार की जरूरत है, ताकि मध्यावधि में राजकोष बढ़े।
आईएमएफ ने कहा कि इसके लिए भारत को एक रणनीति के तहत काम करना होगा। आईएमएफ ने ये बातें हाल में ही पेश किए गए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देने के दौरान कही है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रवक्ता गेरी राइस ने कहा कि भारत में आर्थिक माहौल पुर्वानुमान की तुलना में कमजोर है।
एक फरवरी को लोकसभा में बजट पेश किया गया था। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट को बढ़िया बताते हुए निकट भविष्य में बड़े सुधार की उम्मीद जताई थी। राइस ने कहा कि भारत को जल्द ही महत्वाकांक्षी संरचनात्मक और वित्तीय सुधार की जरूरत है। आईएमएफ ने जनवरी महीने में भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त के अनुमान को घटा दिया था।
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आईएमएफ ने दावोस में में संपन्न हुए विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान भारत की जीडीपी को लेकर अनुमान को जारी किया था। आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 160 आधार अंक यानी 1.6 फीसदी घटा दिया था। वहीं, आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा था कि मुख्य रूप से गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में नरमी तथा ग्रामीण क्षेत्र की आय में कमजोर वृद्धि के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान कम किया गया है।
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