कोरोना फेफड़ों को कैसे करता है प्रभावित, कितने दिनों में शुरू होता है इंफेक्शन, डॉक्टर ने बताया सबकुछ
कोरोना फेफड़ों को कैसे करता है प्रभावित, कितने दिनों में शुरू होता है इंफेक्शन, डॉक्टर ने बताया सबकुछ
नई दिल्ली, 08 मई: कोरोना वायरस की दूसरी लहर में कई लोगों की मौत फेफड़ों में फैले वायरस के संक्रमण से हो गई है। ऐसे में आप सब के लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि कोविड-19 आपके फेफड़ों को कैसे प्रभावित करता है? नई दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के एक वरिष्ठ सलाहकार डॉ. बॉबी भालोत्रा ने कहा है कि कोरोना वायरस मानव फेफड़ों को बहुत बुरी तरीके से जकड़ लेता है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया कोविड-19 बीमारी की चुनौती का सामना कर रही है। कोरोना वायरस भारत में अचानक फिर से फैल गया है और यह एक बड़ी चुनौती है। डॉ. भालोत्रा ने कहा कि बहुत सारे संक्रमण और बहुत सारी मौतें कोरोना वायरस के कारण हो रही हैं। उन्होंने कहा, कोरोना का यह वायरस सबसे पहले शुरुआत में गले में संक्रमण शुरू कर देता है और अगर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में नहीं रहती है तो उसके बाद वायरस सीधे आपके फेफड़ों में जाता है और फेफड़ों में संक्रमण का कारण बनता है।
डॉक्टर ने कहा, कोविड -19 से प्रभावित होने के 5 से 6 दिनों के बाद फेफड़ों में बदलाव शुरू होते हैं। उसके बाद फेफड़ों में धब्बे जैसे दिखाई देने लगते हैं। संक्रमित शख्स के अंदर ऐसा होने में पॉजिटिव आने के 5 से 6 दिन बाद होता है।
फेफड़ों में संक्रमण फैलने के बाद क्या लक्षण दिखाई देते हैं?
डॉक्टर ने बताया कि फेफड़ों में संक्रमण फैलने के बाद सांस फूलना, खांसना, खांसी में मुंह से खून आना जैसे आम लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि डॉक्टर ने कहा कि जो लोग वैक्सीन लगवाते हैं या या जिन लोगों की इम्यूनिटी अच्छी होती है उनमें वायरस को रोकने की क्षमता होती है। आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता वायरस को फेफड़ों तक पहुंचने नहीं देती है। लेकिन अगर आपने वैक्सीन नहीं लगवाई है या फिर आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी नहीं है तो वायरस सीधे गले से आपके फेफड़ों में पहुंच जाता है।
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डॉक्टर ने बताया कैसे पता किया जाता है फेफड़ा कितना संक्रमित है?
डॉक्टर ने कहा, CO-RAD स्कोरिंग के जरिए हम ये पता लगाते हैं कि फेफड़ा कितना संक्रमित हुआ है। फेफड़ों की चोट कितनी गंभीर है इसका अनुमान लगाने के बाद हमें ये पता लगाने में सुविधा होती है कि रोगी के अंदर कोरोनो वायरस कितना मजबूत है। सीटी स्कैन के रिपोर्ट में ये पूरी तरह से साफ हो जाता है।
मेडिकल टर्म में लंग इंफेक्शन को 5 स्टेज में बांटा गया है। ये इस बात पर आधारित होता है कि आपके लंग्स का कौन सा हिस्सा ज्यादा प्रभावित है। अगर फेफड़े में इंफेक्शन 5% से कम है, तो इसे 1 स्कोर में रखा जाता है। यदि फेपड़ों में संक्रमण 50% से 70% से अधिक है तो ये 3 स्कोर में रखा जाएगा। कुल स्कोर 25 होते हैं। फेफड़ों का कौन सा हिस्सा कितना घायल है, ये स्कोर उसी हिसाब से दी जाती है। फेफड़ों का संक्रमण जितना गहरा होगा स्कोर बढ़ता जाता है।
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कोरोना मरीजों को सीटी-स्कैन के लिए कब जाना चाहिए?
- डॉक्टर ने बताया कि कभी भी कोविड-19 रोगी को बिना डॉक्टर को दिखाए खुद से सीटी-स्कैन के लिए नहीं जाना चाहिए।
- मरीज को पहले अपने डॉक्टर से हमेशा यह जानना चाहिए कि सही अवस्था क्या है और उन्हें सीटी-स्कैन के लिए कब जाना चाहिए।
- आम तौर पर कोवड-19 के लक्षण आने में 5 से 7 दिन का वक्त लगता है।
- जब आप आरटी-पीसीआर के बजाय सीटी-स्कैन करना शुरू करते हैं, तो आपको समझना चाहिए कि सीटी-स्कैन आपको सिर्फ आपकी हालत बता सकता है लेकिन बीमारी का इलाज नहीं कर सकता है।
- जो रोगी सांस की तकलीफ, सीने में जकड़न, खांसी और ऑक्सीजन की कमी से पीड़ित हैं, उन्हें अपने डॉक्टरों से सलाह लेना चाहिए। यदि डॉक्टर कहते हैं कि सीटी स्कैन के लिए जाना चाहिए, तभी उन्हें सीटी स्कैन के लिए जाना चाहिए।