हिजाब बैन: कर्नाटक की छात्राएं फिर पहुंचीं सुप्रीम कोर्ट, तीन जजों की बेंच पर जल्द विचार करेंगे CJI
Hijab ban: हिजाब बैन के आदेश को फिर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। कर्नाटक की छात्राओं ने इस पर जल्द सुनवाई की मांग की है।
कर्नाटक में पिछले साल शुरू हुआ हिजाब विवाद अभी तक नहीं सुलझ पाया है। अब कर्नाटक की छात्राओं के एक ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि सुप्रीम कोर्ट राज्य को ये निर्देश दे कि उन्हें हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति दी जाए। कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार है। साथ ही इसको लेकर तीन न्यायाधीशों की बेंच स्थापित करने पर विचार किया जा रहा।
मामले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं मामले की जांच करूंगा और इस पर एक तारीख अलॉट करूंगा। ये तीन जजों की बेंच का मामला है, आप रजिस्ट्रार को एक नोट जमा करें। वहीं छात्राओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने कोर्ट से कहा कि कर्नाटक सरकार ने सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगा रखा है, जिसको लेकर बहुत ही छात्राएं मजबूरी में निजी कॉलेजों में जा रहीं।
अरोड़ा के मुताबिक परीक्षाएं प्राइवेट कॉलेजों में नहीं होतीं, वो सिर्फ सरकारी कॉलेजों में ही होती हैं, ऐसे में वो सब चाहते हैं कि इस मामले में एक अंतरिम आदेश दिया जाए। उन्होंने अदालत से मामले को प्राथमिकता के आधार पर सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया क्योंकि परीक्षाएं 6 फरवरी से शुरू होने वाली हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि ये मामला तीन जजों की बेंच को भेजना होगा। वो प्रशासनिक मामलों पर उपयुक्त आदेश पारित करने पर विचार करेंगे।
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पहले
का
फैसला
क्या
था?
आपको
बता
दें
कि
कर्नाटक
हाईकोर्ट
के
फैसले
के
खिलाफ
छात्राएं
सुप्रीम
कोर्ट
गई
थीं।
जिस
पर
दो
जजों
की
बेंच
ने
सुनवाई
की।
हालांकि
दोनों
जज
इस
पर
एकमत
नहीं
हो
पाए।
जस्टिस
हेमंत
गुप्ता
ने
हिजाब
बैन
के
खिलाफ
दायर
याचिकाओं
को
खारिज
करते
हुए
हिजाब
पर
प्रतिबंध
को
सही
बताया,
जबकि
जस्टिस
सुधांशु
धूलिया
ने
कर्नाटक
हाईकोर्ट
के
हिजाब
बैन
वाले
आदेश
को
रद्द
कर
दिया।
इस
वजह
से
अब
तीन
जजों
की
बेंच
इस
पर
सुनवाई
करेगी।
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