तो क्या चुनाव आयोग, केंद्र सरकार को आम बजट पेश करने से देगा रोक?
राजनीतिक दलों का कहना है कि केंद्र की बीजेपी सरकार बजट को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए इस्तेमाल कर सकती है।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों (उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर) में होने वाले विधानसभा चुनावों की तरीखों का ऐलान कर दिया है। चुनाव के पहली वोटिंग 4 फरवरी को और आखिरी वोटिंग 8 मार्च को होगी। 11 मार्च को सभी राज्यों की मतगणना एक साथ होगी। इसी के साथ आज से ही सभी पांचो राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई है। इन सबके बीच विपक्ष एक बात पर आपत्ति जाहिर कर रही है और वो आम बजट।
आपको
बता
दें
कि
1
फरवरी
को
आम
बजट
पेश
होना
है।
कांग्रेस
समेत
तमाम
दलों
ने
चुनाव
आयोग
को
इस
संबंध
में
एक
पत्र
सौंपा
है।
मीडिया
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक
कांग्रेस
समेत
विपक्ष
की
6
पार्टियों
ने
राष्ट्रपति
और
चुनाव
आयोग
को
इस
संबंध
में
पत्र
लिखा
है।
इन
राजनीतिक
दलों
का
कहना
है
कि
केंद्र
की
बीजेपी
सरकार
बजट
को
आगामी
विधानसभा
चुनावों
के
लिए
इस्तेमाल
कर
सकती
है।
विधानसभा
चुनाव
का
ऐलान,
जानिए
किस
राज्य
में
कब
होगी
वोटिंग
स्वराज
इंडिया
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
योगेंद्र
यादव
ने
माइक्रो
ब्लॉगिंग
साइट
ट्वीटर
पर
चुनाव
की
तारीखों
पर
सवाल
उठाया
है।
उन्होंने
ट्वीट
किया
है
कि
साल
2012
में
चुनाव
के
बाद
आम
बजट
पेश
किए
गए
थे
लेकिन
इस
बार
चुनाव
से
3
दिन
पहले
क्यों?
यादव
ने
ट्वीट
किया
है
और
पूछा
है
कि
क्या
चुनाव
आयोग
बजट
की
तारीखों
को
टालेगा।
वहीं
कांग्रेस
का
कहना
है
कि
पांच
साल
पहले
यूपीए
के
कार्यकाल
में
चुनावों
को
देखते
हुए
बजट
पेश
करने
का
समय
आगे
बढ़ाया
गया
था।
2012
में
बजट
एक
मार्च
की
बजाय
16
मार्च
को
पेश
किया
गया
था।
उस
समय
विधानसभा
चुनावों
को
देखते
हुए
ऐसा
फैसला
लिया
गया
था।
मुख्य
चुनाव
आयुक्त
नसीम
जैदी
ने
कहा
कि
चुनाव
आयोग
को
राजनीतिक
दलों
की
तरफ
से
इस
संबंध
में
एक
ज्ञापन
मिला
है।
उन्होंने
कहा
कि
आयोग
इस
मसले
पर
जांच
के
बाद
ही
फैसला
लेगा।