कोरोना प्रभावित देशों में फंसे भारतीयों को निकालना अभी संभव नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार
कोरोना प्रभावित देशों से भारतीयों को निकालना मुमकिन नहीं
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि लॉकडाउन के चलते जो स्थिति है, उसमें कोरोना प्रभावित देशों से भारतीयों को निकालना मुमकिन नहीं है। विदेश मंत्रालय की ओर से एक याचिका पर किए गए सवाल के जवाब में ये कहा है। वकील गौरव कुमार ने दिल्ली हाईकोर्ट में पीआईएल दायर कर अदालत से दरख्वास्त की थी कि वो विदेश मंत्रालय को बांग्लादेश में फंसे मेडिकल के छात्रों को निकालने का आदेश दे।
विदेश मंत्रालय की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार को दिए एफीडेविट में कहा गया है कि फिलहाल के वक्त में बांग्लादेश या किसी भी देश में फंसे हुए छात्रों या नागरिकों को लाना संभव नहीं हो पाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में लॉकडाउन लागू है और सभी उड़ानें भी इस समय बंद हैं। वहीं बांग्लादेश सरकार ने भी 26 मार्च से 54 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया है। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ को बताया गया कि विदेश में भारतीय दूतावासों को फंसे हुए भारतीय नागरिकों की मदद और सुविधा का ध्यान रखने के लिए कहा गया है।
विदेश मंत्रालय की ओर से आदालत को जानकारी दी गई कि अलग-अलग देशों में विदेश में फंसे भारतीयों के लिए सरकार ने एक हेल्पलाइन स्थापित की है। ये विदेश में फंसे नागरिकों और छात्रों के ल्ए 24 घंटे काम कर रही है। सरकार की ओर से ये भी बताया गया है कि भारत सरकार ने 1 फरवरी से 15 मार्च तक चीन, जापान, ईरान और इटली से 1698 लोगों को निकाला है।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के चलते दुनिया में इस समय उथल-पुथल की स्थिति है। कई देशों में भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। बांग्लादेश में कुछ मेडिकल छात्र फंसे हुए हैं। इन्हीं छात्रों को निकालने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।
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