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ByPoll 2018: 3-0 से हार की जिम्मेदारी लेंगे क्या बीजेपी ये तीन बड़े किरदार?

By Rahul Sankrityayan
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नई दिल्ली। आज लोकसभा की तीन सीटों के उपचुनाव के परिणाम आए हैं। इसमें उत्तर प्रदेश की गोरखपुर, फूलपुर और बिहार की अररिया सीट शामिल है। तीनों संसदीय सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। यूपी में भाजपा को जहां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन ने हराया वहीं बिहार के अररिया में राष्ट्रीय जनता दल के हाथों भाजपा को हार मिली। इन सबके बीच यह बात कही जा रही है कि हर जीत का श्रेय लेने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ क्या इस हार का भी जिम्मा लेंगे? यह बात दीगर है कि प्रदेश में सीएम रहते हुए जहां आदित्यनाथ ने गोरखपुर और फूलपुर की सीट गंवा दी वहीं विकास पुरुष की छवि वाले पीएम मोदी का करिश्मा भी कुछ काम नहीं आ सका। वहीं अमित शाह जिन्हें राजनीति का चाणक्य कहा जाता है उनका भी दिमाग इस चुनाव में कुछ खास नहीं चल सका।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विकास पुरुष कहकर प्रचारित किया गया है। कहा जाता है कि लोग मोदी के विकास मॉडल पर वोट देते हैं। भाजपा ने जहां भी जीत दर्ज की वहां यह दावा किया गया जनता को मोदी का विकास मॉडल पसंद आया। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या 3 संसदीय सीटों पर मोदी विकास मॉडल फेल हो गया? 3 संसदीय सीटों पर हार के बाद ब्रांड मोदी की साख पर सवाल खड़ा होता है हालांकि उन्होंने इन दोनों जगह पर कहीं कोई प्रचार नहीं किया लेकिन दूसरी पंक्ति के नेता हरसभा और रैली में मोदी के नाम पर वोट मांगते नजर आए।

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योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ

भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट माने जा रहे गोरखपुर लोकसभा के उपचुनाव को आदित्यनाथ ने साल 2019 के लिए ड्रेस रिहलसल का नाम दिया था। गोरखपुर और फूलपुर में हुई इस हार से आदित्यनाथ के करिश्मे पर सवाल उठ गया है। राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं कि आखिर वह कौन सी वजह थी कि त्रिपुरा तक में जीत का परचम लहराने में सहयोगी रहे आदित्यनाथ अपने ही राज्य में हार गए। सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर कैसे सीएम रहते हुए आदित्यनाथ गोरखपुर हार गए? सवाल अब यह भी उठाए जा रहे हैं कि भाजपा के हिन्दुत्व का चेहरा रहे आदित्यनाथ अगर उपचुनाव में हार गए हैं तो साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की नैया कैसे पार लगाएंगे?

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अमित शाह

अमित शाह

अमित शाह को चुनावी राजनीति का चाणक्य कहा जाता है लेकिन यूपी में सपा-बसपा की चुनावी चाल ने उनकी रणनीति को फेल कर दिया। गोरखपुर में आदित्यनाथ के कैंडिडेट की जगह आरएसएस के कैंडिडेट को चुना। ब्राम्हण कैंडिटेट और मठ का वर्चस्व काम नहीं आया। अखिलेश ने एक ऐसे आदमी को साइकिल चुनाव चिन्ह दिया जो उनकी पार्टी का कैंडिडेट नहीं था। शाह ने बीते 4 साल में हर जगह यही प्रचार किया है कि भाजपा जहां भी है वहां विकास के काम तेजी से हो रहे हैं और राज्य प्रगति पर है। लेकिन शाह की रणनीति गोरखपुर में नहीं चल पाई।

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English summary
Gorakhpur phulpur by election results 2018 narendra modi,amit shah,yogi adityanath
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