'Ok Google पर यूजर्स की कॉल रिकॉर्ड कर सुनते हैं कर्मचारी', संसदीय पैनल के सामने गूगल ने स्वीकारा
नई दिल्ली, 30 जून। सोशल मीडिया का इस्तेमाल कितना सुरक्षित है और क्या आप जो बात एक-दूसरे से करते हैं वह पूरी तरह से गोपनीय है इसपर गूगल ने संसदीय कमेटी में जो जवाब दिया है उसे सुनकर आप जरूर सतर्क हो जाएंगे। सूत्रों के अनुसार गूगल ने संसद की स्टैडिंग कमेटी में इस बात को स्वीकार किया है कि गूगल के कर्मचारी ग्राहकों की बातचीत की रिकॉर्डिंग को गूगल असिस्टेंट के जरिए सुनते हैं। दरअसल ग्राहकों की सुरक्षा को लेकर गूगल के प्रतिनिधि संसद की आईटी कमेटी के सामने पेश हुए और इस दौरान उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि उनके कर्मचारी लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनते हैं।
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गूगल
ने
रिकॉर्डिंग
की
बात
स्वीकारी
पैनल
के
के
सूत्रों
ने
बताया
कि
गूगल
ने
इस
बात
को
स्वीकार
किया
है
कि
जब
गूगल
के
यूजर
ओके
गूगल
के
जरिेए
गूगल
से
स्मार्ट
स्पीकर
के
जरिए
बात
करतें
हैं
तो
गूगल
के
कर्मचारी
इसे
सुनते
हैं।
भाजपा
सांसद
निशिकांत
दुबे
ने
गूगल
के
प्रतिनिधि
से
इस
बाबत
सवाल
किया
था,
जिसका
जवाब
देते
हुए
गूगल
की
टीम
ने
स्वीकार
किया
कि
कभी-कभी
हम
यूजर्स
जब
वर्चुअल
असिस्टेंट
को
कॉल
नहीं
करते
हैं
तो
भी
हम
उनकी
बातचीत
को
रिकॉर्ड
करते
हैं।
हालांकि
गूगल
ने
यह
भी
पैनल
के
सामने
कहा
है
कि
इस
दौरान
संवेदनशील
बातों
को
नहीं
सुना
जाता
है,
यह
सिर्फ
सामान्य
बातचीत
होती
है
और
उसे
ही
रिकॉर्ड
किया
जाता
है।
कैसे
तय
होता
है
कौन
सी
बात
रिकॉर्ड
करनी
है
कौन
सी
नहीं
गूगल
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
वह
गोपनीय
बात
को
रिकॉर्ड
नहीं
करता
है।
लेकिन
गूगल
की
ओर
से
यह
स्पष्ट
नहीं
किया
गया
है
कि
आखिर
वह
कैसे
यह
तय
करता
है
कि
कौन
सी
बात
गोपनीय
संवेदनशील
है
और
कौन
सी
नहीं।
पैनल
के
सदस्य
के
अनुसार
इस
मामले
को
गंभीरता
से
लिया
गया
है
और
इसे
गोपनीयता
के
अधिकार
का
हनन
माना
गया
है।
कमेटी
की
अंतिम
रिपोर्ट
पैनल
के
अध्यक्ष
शशि
थरूर
तैयार
करेंगे
और
इस
मामले
में
सरकार
को
अपनी
सिफारिश
देंगे।
पैनल
ने
मजबूती
के
साथ
गूगल
के
पैनल
से
कहा
है
कि
वह
लोगों
की
गोपनीयता
को
सुरक्षित
रखें
और
इस
तरह
का
तरीका
निकाले
जिससे
कि
यूजर्स
के
डेटा
के
साथ
कोई
भी
समझौता
ना
हो।
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प्राइवेसी
पॉलिसी
में
नहीं
है
इसका
जिक्र
पैनल
के
एक
सदस्य
ने
कहा
कि
गूगल
ने
जिस
तरह
से
इस
बात
को
स्वीकार
किया
है
उसके
बाद
इस
सवाल
का
जवाब
मिल
गया
है
कि
आखिर
जब
कोई
यूजर
गूगल
असिस्टेंट
से
किसी
होटल
की
जानकारी
मांगता
है
तो
उसके
बाद
अलग-अलग
तरह
की
डील
और
ऑफर्स
के
मैसेज
आने
लगते
हैं।
पैनल
के
एक
अन्य
सदस्य
ने
कहा
कि
गूगल
के
बयान
के
बाद
स्पष्ट
है
कि
गूगल
स्मार्ट
स्पीकर,
गूगल
असिस्टेंड
के
जरिए
यूजर
की
कॉल
रिकॉर्ड
की
जाती
है,
लेकिन
गूगल
की
प्राइवेसी
पॉलिसी
में
इसका
जिक्र
नहीं
है,
यह
गोपनीयता
के
उल्लंघन
का
गंभीर
मामला
है।