कुलभूषण पर फैसले को पाक ने बताया जीत, गिरिराज बोले- 'फैसला अंग्रेजी में था, तुम्हारी गलती नहीं है'
कुलभूषण पर फैसले को पाक ने बताया अपनी जीत, तो गिरिराज ने दिया ये तगड़ा जवाब
नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में भारत को बड़ी जीत हासिल हुई। आईसीजे ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाते हुए पाकिस्तान को आदेश दिया कि वो जाधव को काउंसलर एक्सेस मुहैया कराए। आईसीजे ने इसके अलावा पाकिस्तान को वियना संधि के उल्लंघन पर भी कड़ी फटकार लगाई। हालांकि पाकिस्तान का कहना है कि कुलभूषण जाधव के मामले में आईसीजे के फैसले में उसकी जीत हुई है। आईसीजे के फैसले पर पाकिस्तान की इस प्रतिक्रिया के सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री और बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से सांसद गिरिराज सिंह ने तंज कसा है।
'तुम्हारी गलती नहीं है...फैसला अंग्रेजी में था...'
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को लेकर आईसीजे के फैसले को अपनी जीत बताया है। पाकिस्तान की इस प्रतिक्रिया पर गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर तंज कसते हुए कहा, 'तुम्हारी गलती नहीं है...फैसला अंग्रेजी में दिया गया था।' आपको बता दें कि आईसीजे की अधिकारी रीमा उमर ने इस पूरे मसले पर ट्वीट कर बताया कि अंतरराष्ट्रीय अदालत ने भारत के पक्ष में अपना फैसला दिया है। कोर्ट ने जाधव के काउंसलर एक्सेस के अधिकार को बरकरार रखा है और इसे उनका मौलिक अधिकार बताया है। कोर्ट ने पाकिस्तान को आदेश दिया है कि वह मौत की सजा के फैसले पर पुर्नविचार करे। इंडियन नेवी से कमांडर की रैंक से रिटायर हुए जाधव को पाकिस्तान ने अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी।
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'पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया'
कोर्ट ने हालांकि भारत की तरफ से कुलभूषण जाधव की रिहाई की मांग, मिलिट्री कोर्ट के फैसले को रद्द करने और उनकी सुरक्षित भारत वापसी को मानने से इनकार कर दिया है। रीमा उमर साउथ एशिया के लिए इंटरनेशनल लीगल एडवाइजर हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि जाधव की मौत की सजा को तब तक बरकरार ना रखा जाए जब तक कि पाकिस्तान प्रभावी तरीके से अपने फैसले पर पुर्नविचार नहीं करता। कोर्ट ने माना कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस मुहैया ना कराकर वियना संधि के आर्टिकल 36 (1) का उल्लंघन किया है। आईसीजे ने कहा कि फांसी की सजा पर रोक एक अपरिहार्य स्थिति है और इसे प्रभावी तरीके से जाधव के केस में माना जाना चाहिए।
जाधव को पाक ने अज्ञात जगह पर रखा
आईसीजे ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने भारत को संपर्क के अधिकार, जाधव से मिलने और उनके कानूनी प्रतिनिधित्व के अधिकारी से वंचित रखा। ऐसे में पाकिस्तान ने कई तरह से वियना संधि को तोड़ा है। भारत ने आईसीजे में पांच बिंदुओं के तहत अपील की थी। भारत ने काउंसलर एक्सेस, मौत की सजा खत्म करने, असैन्य कोर्ट में सामान्य कानूनों के तहत उनका निष्पक्ष ट्रायल करने, उनके लिए कानूनी प्रतिनिधि की व्यवस्था करने के अलावा जाधव की रिहाई की मांग भी की थी। पाक ने जाधव को किसी अज्ञात जगह पर रखा हुआ है।
'यह भारत की बड़ी जीत'
वहीं आईसीजे के फैसले पर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह भारत की बड़ी जीत है। सुषमा स्वराज ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का तहे दिल से स्वागत करती हूं। यह भारत के लिए बहुत बड़ी जीत है। मैं अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष जाधव के मामले को ले जाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को भी धन्यवाद देती हूं। मैं हरीश साल्वे को ICJ के समक्ष भारत के मामले को बहुत प्रभावी ढंग से और सफलतापूर्वक प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद देती हूं। मुझे उम्मीद है कि इस फैसले से कुलभूषण जाधव के परिवार के सदस्यों को बहुत ज्यादा राहत मिली होगी।'
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