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प्रेरणा: ओम पैठाने, कभी सड़कों पर ओला कैब चलाते थे अब इंडियन आर्मी ऑफिसर बनकर ट्रूप्‍स को करेंगे कमांड

ओम पैठाने जो कभी पुणे की सड़कों पर ओला कैब चलाते थे और लोगों को एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाते थे अब इंडियन आर्मी ऑफिसर बनकर अपने ट्रूप्‍स को कमांड करने के लिए तैयार हैं। जानिए कौन हैं ओम और कैसे उन्‍होंने यह सफर तय किया।

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चेन्‍नई। आपने अक्‍सर ही खुद को प्रेरित करने के लिए किसी न किसी महान इंसान की कहानी को पढ़ा होगा या फिर इस कहानी के बारे में सुनाया होगा। अब आप अपनी इस कहानी में ओला कैब ड्राइवर रहे ओम पैठाने का नाम भी जोड़ सकते हैं। ओम की कहानी न सिर्फ आपको प्रेरित करेगी बल्कि उन तमाम लोगों को यह सीखाने के लिए भी काफी है कि जिंदगी में कठिनाईयों के बावजूद ऊंचाईयों को हासिल किया जा सकता है। ओम जो कभी पुणे की सड़कों पर ओला कैब चलाते थे और लोगों को एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाते थे अब इंडियन आर्मी ऑफिसर बनकर अपने ट्रूप्‍स को कमांड करने के लिए तैयार हैं। जानिए कौन हैं ओम और कैसे उन्‍होंने यह सफर तय किया।

पुणे के गांव के रहने वाले ओम

पुणे के गांव के रहने वाले ओम

ओम पुणे-बेंगलुरु हाइवे पर स्थित गांव तोंडल के रहने वाले हैं। ओम 10 मार्च को चेन्‍नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) से पासआउट होने वाले 257 कैडेट्स वाले उस बैच का हिस्‍सा होंगे जो अब इंडियन आर्मी ऑफिसर बनकर देश की सेवा करेंगे। इंडियन आर्मी ऑफिसर बनने से पहले ओम पुणे की सड़कों पर ओला कैब ड्राइव करते थे।

ओम के पिता थे एक वॉचमैन

ओम के पिता थे एक वॉचमैन

ओम के पिता वॉचमैन थे लेकिन एक एक्‍सीडेंट में उन्‍होंने अपने दोनों पैर गंवा दिए थे। अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए ओम ने पढ़ाई के साथ-साथ कैब ड्राइव करने का काम भी शुरू किया। ओम एक साइंस ग्रेजुएट हैं और उनकी जिंदगी नहीं बदलती अगर सेना के एक रिटायर्ड कर्नल ने एक दिन उनकी कैब बुक न की होती तो।

रिटायर्ड कर्नल ने बदली ओम की जिंदगी

रिटायर्ड कर्नल ने बदली ओम की जिंदगी

रिटायर्ड कर्नल ने जब ओला कैब हायर की तो उनके ड्राइवर ओम थे और दोनों के बीच काफी बातें भी हुईं। कर्नल ने ओम को कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) की परीक्षा और इसमें उनके लिए मौजूद मौकों के बारे में उन्‍हें बताया। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद ओम ने सीडीएस की परीक्षा दी और पहली ही बार में उनका सेलेक्‍शन हो गया।

नई जिंदगी आ रही है ओम को रास

नई जिंदगी आ रही है ओम को रास

ओम कहते हैं कि रिटायर्ड कर्नल उनके लिए इस पूरे सफर में प्रेरणा के असली स्‍त्रोत थे। जैसे ही उनका सेलेक्‍शन हुआ उन्‍होंने सबसे पहला कॉल उन्‍हीं कर्नल को किया और उन्‍हें अपने सेलेक्‍शन के बारे में बताया। ओम के मुताबिक कर्नल ने उन्‍हें पूरी तरह से गाइड किया। ओम कहते हैं कि वह पहले काफी लापरवाह थे और ऐसा नहीं है कि वह अपनी उस जिंदगी को एंज्‍वॉय नहीं कर रहे थे लेकिन अब यह जिंदगी काफी बेहतर है। ओटीए में मिली ट्रेनिंग ने ओम को अनुशासन और शिष्‍टाचार के बारे में सीखाया है और इस बात का उन्‍हें गर्व है।

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English summary
Om Paithane, a resident of the Tondal village, which is located near the Pune-Bengaluru highway, is among the 257 cadets to graduate from the Officer’s Training Academy.
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