दुष्कर्म के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को सुप्रीम कोर्ट से झटका, नहीं मिलेगी पीड़िता के बयान की कॉपी
नई दिल्ली। पूर्व भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद को आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश के रद्द कर दिया है जिसमें बलात्कार के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को रेप पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों की कॉपी का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, रेप के आरोपी को पीड़िता के बयान की कॉपी नहीं दी जाएगा।
बता दें कि 24 अगस्त 2019 को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रहे चिन्मयानंद पर शाहजहांपुर एसएस लॉ कॉलेज की छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 7 नवंबर 2019 को एक आदेश दिया था कि सीआरपीसी की धारा 164 के तहत रेप के आरोपी चिन्मयानंद को पीड़िता के बयान की प्रमाणित प्रति पाना अधिकार है। हालांकि कोर्ट में पीड़िता ने इसके खिलाफ अपील भी की थी।
जमानत
पर
रिहा
चिन्मयानंद
गौरतलब
है
कि
रेप
के
आरोप
का
सामना
कर
रहे
पूर्व
केंद्रीय
मंत्री
चिन्मयानंद
ने
इस
समया
जमानत
पर
रिहा
है।
इसी
वर्ष
फरवरी
में
इलाहाबाद
हाई
कोर्ट
ने
जमानत
दी
है।
पीड़िता
ने
हाई
कोर्ट
के
इस
आदेश
को
सुप्रीम
कोर्ट
में
चुनौती
दी
थी
लेकिन
वहां
उसकी
याचिका
को
खारिज
कर
दिया
गया
था।
चिन्मयानंद
को
पिछले
साल
सितंबर
में
गिरफ्तार
किया
गया
था
और
उनके
खिलाफ
आईपीसी
की
धारा
376सी
के
तहत
मुकदमा
दर्ज
किया
गया
था।
इस
मामले
की
जांच
के
लिए
सुप्रीम
कोर्ट
के
निर्देश
पर
ही
स्पेशल
इन्वेस्टिगेशन
टीम
यानी
एसआईटी
बनी
थी
और
बाद
में
चिन्मयानंद
को
गिरफ्तार
किया
गया
था
व
पूछताछ
की
गई
थी।
एसआईटी
ने
बलात्कार
का
आरोप
लगाने
वाली
छात्रा
और
उसके
साथियों
को
भी
गिरफ्तार
किया
था।
उन
पर
आरोप
लगा
था
कि
उन्होंने
चिन्मयानंद
से
5
करोड़
रुपये
की
फिरौती
मांगी
थी।
यह भी पढ़ें: हाथरस में पीड़िता के शव का आधी रात में अंतिम संस्कार, सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं तीस्ता सीतलवाड़