2019 से पहले नीतीश को झटका, पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा ने छोड़ी JDU, कांग्रेस में होंगे शामिल
पटना। लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख नेताओं के दल बदलने का दौर शुरू हो गया है। शुक्रवार को पूर्व रेलवे मंत्री ललित नारायण मिश्रा के पोते विधायक ऋषि मिश्रा ने जेडीयू छोड़ दिया है और आज कांग्रेस में शामिल होंगे। शुक्रवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए ऋषि मिश्रा ने कहा कि अब जेडीयू में काम करना बहुत मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में मेरे विधानसभा के वोटरों ने बीजेपी के खिलाफ मतदान किया था। अब मैं अपने वोटर का क्या उत्तर दूं।
पार्टी छोड़ने के पीछे बताई यह वजह
दरभंगा के जाले विधानसभा सीट से एक बार विधायक रहे मिश्रा ने कहा कि मुझे बिहार के मुख्यमंत्री पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार से कोई समस्या नहीं है लेकिन बीजेपी के साथ काम करना पूरी तरह से एक अलग समस्या हो गई है। हालांकि मिश्रा के पार्टी छोड़े जाने को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई प्रकार की चर्चा है। सूत्रों की माने को तो मिश्रा के जेडीयू छोड़ने के पीछे टिकट का भी खेल हैं। क्योंकि मिश्रा जहां से एक बार विधायक रह चुके हैं वो उस सीट से बीजेपी अपना मनपसंद उम्मीदवार उतार सकती है। ऐसे में जेडीयू से उस सीट पर चुनाव लड़ना संभव नहीं है।
2015 विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से उम्मीदवार थे
क्योंकि नीतीश कुमार की पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए से हाथ मिला चुकी है। लेकिन मिश्रा के जाने के बाद नीतीश कुमार को झटका जरूर लगा है, क्योंकि मिश्रा लंबे समय से पार्टी से जुड़े हैं और बिहार विधानसभा चुनाव में जब जेडीयू एनडीए के साथ नहीं थी तब एक बार चुनाव भी जीत चुके हैं। लेकिन 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में विधानसभा सीट पर ऋषि मिश्रा महागठबंधन के उम्मीदवार थे और उन्हें बीजेपी उम्मीदवार जीवेश मिश्रा ने पटखनी दी थी।
बिहार में जेडीयू और बीजेपी एक साथ लड़ेंगे चुनाव
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री आर जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ऐलान कर दिया था कि आगामी चुनाव में दोनों पार्टी एक साथ चुनाव लड़ेगी। इसके लिए दिल्ली में एक बैठक भी आयोजित की गई थी जिसमें बीजेपी अध्यक्ष और नीतीश कुमार शामिल हुए थे। इस बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार में वो एनडीए के साथ हैं। इसके बाद सीट बंटवारे को लेकर भी ऐलान किया गया जिसमें कहा गया कि दोनों ही पार्टी राज्य की 17-17 सीटों चुनाव लड़ेंगी। जबकि 6 सीटें केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के लिए छोड़ी गई हैं।