पूर्व सीएम शीला दीक्षित को फिर से सौंपी गई दिल्ली कांग्रेस की कमान, तीन वर्किंग प्रेसीडेंट भी बनाए गए
नई दिल्ली। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से सीनियर लीडर अजय माकन ने पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद पार्टी ने दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसकी पुष्टि सबसे पहले अजय माकन ने ट्वीट कर की। पहले से ही इस तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं कि शीला दीक्षित को पार्टी एक बार फिर से प्रदेश की कमान सौंप जा सकती है। इसके अलावा दिल्ली के तीन वर्किंग प्रेसीडेंट भी बनाए गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद शीला दीक्षित ने कहा कि, मैं सम्मानित महसूस कर रही हूं कि पार्टी ने मुझे यह अवसर दिया है।
दिल्ली कांग्रेस के 3 वर्किंग प्रसीडेंट नियुक्त किए गए
गुरुवार शाम दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने प्रदेश में पार्टी के नए नेतृत्व का ऐलान कर दिया। शीला दीक्षित को दिल्ली का पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा देवेंद्र यादव, राजेश लिलोठिया, हारून यूसुफ को दिल्ली कांग्रेस का वर्किंग प्रसीडेंट नियुक्त किया है। वहीं कांग्रेस नेता अजय माकन ने शीला दीक्षित को नए प्रभार के लिए बधाई दी है। अजय माकन ने ट्वीट कर लिखा कि, शीला दीक्षित जी को पुन: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर बधाई व शुभकामनाएँ! उनके आधीन,मुझे संसदीय सचिव एवं कैबिनेट मंत्री के रूप में काम करके सीखने का सुअवसर मिला! मुझे विश्वास है कि शीला जी की अगुआई में हम,मोदी और केजरीवाल सरकारों के विरोध में एक सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाएँगे!
स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अजय माकन ने इस्तीफा दिया था
बता दें कि, अजय माकन ने पिछले दिनों स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया था लेकिन ऐसी खबरें थी कि वे दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन के पक्ष में नहीं थे। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में शीला दीक्षित के अलावा, राजेश लिलोठिया, प्रह्लाद सिंह साहनी, अरविंदर सिंह लवली और योगानंद शास्त्री के नाम चल रहे थे। लेकिन बाजी शीला दीक्षित ने मारी।
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शीला के नाम पर बनी सहमति
दरअसल, शीला दीक्षित एक जाना-माना चेहरा है। दिल्ली में जो भी विकास कार्य हुए हैं, उन्हें शीला दीक्षित के नाम से जोड़ा जाता रहा है। ऐसे में शीला दीक्षित के नाम पर पार्टी के अंदर विरोध जैसी कोई चीज नहीं सामने आ रही है। जबकि अजय माकन के अध्यक्ष रहते ये बातें कई बार सामने आई थी। आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर उनका रवैया सख्त रहा था और वे इस गठजोड़ के पक्ष में नहीं थे। अब पार्टी की कोशिश है कि लोकसभा चुनावों से पहले किसी ऐसे चेहरे को दिल्ली की कमान की जाए जो चर्चित तो हो साथ ही सभी को स्वीकार्य भी हो।
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