Flashback 2022 : बेटियों के पराक्रम से लहराया भारत का परचम, जानिए ऐसी 10 हस्तियों की कहानी
साल 2022 में बेटियों के पराक्रम से भारत का परचम दुनियाभर में लहराया। वन इंडिया की विशेष सीरीज Flashback 2022 में ऐसी नारी शक्ति की भूमिका की झलकी। संक्षिप्त में जानिए भारत की 11 बेटियों की कहानी।
साल 2022 में नारी शक्ति ने किस प्रकार अपने कौशल और पराक्रम से दुनिया भर में भारत के तिरंगे की शान बढ़ाई, इसकी मिसाल भारत की प्रथम नागरिक Droupadi Murmu भी हैं। भारत की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अलावा कई युवा नायिकाओं और दिव्यांग महिलाओं ने भी अपनी काबिलियत के दम पर खास पहचान कायम की है। 2022 में आधी आबादी से किन हस्तियों ने अपनी खास पहचान बनाई, जानने के लिए वन इंडिया हिंदी की विशेष सीरीज Flashback 2022 में पढ़िए भारत की 11 बेटियों की कहानी।
'पहली' राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू
कहानी की शुरुआत प्रथम नागरिक Droupadi Murmu से। राष्ट्रपति के पद पर पहुंचीं द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में शिक्षिका रहीं। झारखंड में राज्यपाल का पदभार भी संभाला। तमाम चुनौतियों से गुजरते हुए द्रौपदी मुर्मू को जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने प्रेसिडेंट कैंडिडेट बनाया तो दलगत राजनीति से परे आधे से अधिक वोटर्स (सांसद-विधायक) उनके समर्थन में दिखे। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने उन्हें विपक्षी दलों के उम्मीदवार के रूप में चुनौती तो दी, लेकिन जीत द्रौपदी मुर्मू की हुई। इस तरह 2022 में द्रौपदी मुर्मू का पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनना महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम घटना रही।
पहली भारतीय महिला को बुकर प्राइज
2022 में Geetanjali Shree दूसरी ऐसी हस्ती बनीं जिन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर खास मुकाम हासिल किया। गीतांजली श्री को International Booker Prize से नवाजा गया। रेत समाधि (Tomb of Sand) के लिए बुकर प्राइज जीतने वाली गीतांजली का जिक्र इसलिए क्योंकि इन्होंने नॉवेल का अनुवाद किया और हिंदी भाषा में पहला इंटरनेशनल बुकर प्राइज मई, 2022 में भारत की गीतांजली के खाते में आया। वे यह दुर्लभ और ग्लोबल स्तर की उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय भी बनीं।
अंतरिक्ष में पहुंची भारत की बेटी सिरिशा
Sirisha Bandla भी ऐसा नाम हैं, जो अब किसी परिचय का मोहताज नहीं। आंध्र प्रदेश में जन्मीं सिरिशा बंडाला ने Virgin Galactic test flight में सफर करने वाली पहली भारतीय महिला होने का गौरव हासिल किया। Flashback 2022 में Sirisha का जिक्र इसलिए क्योंकि इन्हें बीबीसी ने उन 100 लोगों की सूची में शामिल किया है जो दुनियाभर में सबसे प्रभावशाली महिलाएं (Most Influential Women) हैं। कल्पना चावला के बाद अंतरिक्ष में जाने वाली दूसरी भारतीय महिला होने का गौरव हासिल करने वाली 34 साल की एयरोनॉटिकल इंजीनियर सिरिशा ने जून, 2021 में अंतरिक्ष जाने का सपना पूरा होने पर खुशी जाहिर की थी।
एशियन कप में भारत को पहला मेडल
Manika Batra 2022 में कामयाबी के झंडे गाड़ने वाली भारत की ऐसी बेटी हैं जिन्होंने परंपरागत करियर का ऑप्शन न चुनकर खेल के मैदान में तिरंगे को बुलंदियों तक पहुंचाया। मनिका बत्रा एशियन कप टूर्नामेंट में पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय बनीं। थाइलैंड में आयोजित टेबल टेनिस प्रतियोगिता- ITTF-ATTU Asian Cup टूर्नामेंट में मनिका बत्रा के कांस्य पदक जीतने के बाद भारत के अलावा दुनियाभर में उनकी धाक जमी। Flashback 2022 में मनिका की सफलता आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगी।
धाकड़ क्रिकेटर मिताली राज
Flashback 2022 में Mithali Raj को भी याद किया जाएगा। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की धाकड़ खिलाड़ी रहीं मिताली को इस सूची में इसलिए शामिल किया गया क्योंकि उनके संन्यास के साथ ही एक युग का अवसान हुआ। जेंटलमैन गेम और पुरुषों के वर्चस्व वाले खेल के रूप में मशहूर रहा क्रिकेट मिताली राज जैसे पराक्रमी खिलाड़ियों के कारण महिलाओं और युवतियों के बीच भी खासा लोकप्रिय हुआ। भारत की टेस्ट और वनडे कप्तान रहीं मिताली ने कई कीर्तिमान बनाए, जिसमें अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेटरों में सबसे अधिक रन (7000 से अधिक) बनाना और सबसे अधिक एकदिवसीय अर्धशतक प्रमुख हैं। मिताली के संन्यास पर क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने कहा था, '23 साल के करियर में उन्होंने कई युवाओं को क्रिकेट को करियर बनाने के लिए इंस्पायर किया।'
मानसी जोशी आधुनिक 'अर्जुन' बनीं
Manasi Joshi को 2022 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। मानसी जोशी भारत की ऐसी बेटी हैं, जिन्होंने दिव्यांग होने को मजबूरी नहीं, खुद की काबिलियत बना लिया। थाईलैंड के पैरा-बैडमिंटन इंटरनेशनल में 2018 के महिला एकल वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाली मानसी जोशी को बाइक दुर्घटना में अपने पैर गंवाने पड़े थे। इसके बावजूद उन्होंने बैडमिंटन खेलने के जुनून पर हादसे का असर नहीं होने दिया। उनकी काबिलियत का ही कमाल रहा कि 4 साल पहले कांस्य पदक जीतकर लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाली मानसी को खेल जगत के प्रमुख सम्मान अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
15 साल में गंवाई आंखें, अब बांट रहीं हंसी
Nidhi Goyal भी फ्लैशबैक 2022 में अहम एंट्री हैं। निधि गोयल को अपनी आंखें गंवानी पड़ी लेकिन उन्होंने इसे बाधा नहीं बनने दिया। निधि गोयल कॉमेडियन के रूप में लाखों लोगों को खुशियां बांटती हैं। Rising Flame नाम की एनजीओ चलाने वाली निधि गोयल ने किशोरावस्था (15 साल की आयु) में अपनी नजरें खो बैठीं, लेकिन कहते हैं कि आंख और दृष्टि दो अलग-अलग तत्व हैं। शायद इसी को चरितार्थ करते हुए निधि गोयल ने पहली महिला विकलांग स्टैंड-अप कॉमेडियन होने का गौरव हासिल किया। विकलांगता और लैंगिक पैमानों पर प्रचलित धारणाओं को चुनौती देने के लिए निधि गोयल हास्य की विधा का उपयोग करती हैं।
दहेज दानवों ने जलाया, नहीं मानी हार, हासिल की नई जिंदगी
सामाजिक कार्यकर्ता Sneha Jawale को 2022 और इसके बाद इसलिए भी याद किया जाना चाहिए क्योंकि घरेलू हिंसा के मुद्दे पर आवाज बुलंद करने वाली ये वीरांगना 70 फीसद से अधिक चेहरा जलने के बावजूद हार नहीं मानी। जीवट की मिसाल स्नेहा जावाले घरेलू हिंसा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के प्रति समर्पित शख्सियत का नाम है। दहेज दानव ससुराल पक्ष ने मानवता को शर्मसार करते हुए स्नेहा को जलाकर मारने का दुस्साहस किया। स्नेहा के मायके से किसी ने भी उनके पति या ससुराल के लोगों के खिलाफ कंप्लेन नहीं की। इसके बावजूद अपने बलबूते जिंदगी को नई परिभाषा दे रहीं स्नेहा की पहचान टैरो कार्ड, पटकथा लेखन और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में है।
धमाके ने हाथ छीने, हौसला नहीं
फ्लैशबैक 2022 की इस सूची में डॉ मालविका अय्यर का नाम भी शामिल है। Dr Malvika Iyer भले ही दिव्यांग हैं, लेकिन उन्होंने विकलांगता अधिकार कार्यकर्ता के रूप में नारी शक्ति पुरस्कार हासिल किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डॉ मालविका को महिलाओं को मिलने वाला सर्वोच्च नागरिक सम्मान- नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। आज कॉरपोरेट ट्रेनर के रूप में पॉपुलर डॉ मालविका जब महज 13 साल की थीं उस समय एक बम धमाके के बाद उनकी जान बाल-बाल बची। धमाके में अपने दोनों हाथ गंवाने वाली डॉ मालविका के दोनों पैर भी क्षतिग्रस्त हो गए। दो साल तक बिस्तर पर पड़ी रहीं मालविका ने हार नहीं मानी। 10वीं कक्षा में टॉप करने वाली मालविका ने सिर्फ तीन महीने की तैयारी में 97 प्रतिशत अंक हासिल किए और बाद में एमफिल और पीएचडी की। मालविका फिलहाल सोशल वर्कर और मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में हजारों लोगों का मार्गदर्शन कर रही हैं।
सद्भावना दूत प्रियंका चोपड़ा की संवेदनशीलता
फ्लैशबैक 2022 में अभिनेत्री Priyanka Chopra का जिक्र भी जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि यूनिसेफ से जुड़ीं प्रियंका ग्लैमर वर्ल्ड से इतर सामाजिक कारणों से भी मशहूर हैं। लगभग 15 साल से यूनिसेफ से गुडविल एंबैसडर के रूप में जुड़ीं प्रियंका चोपड़ा को बीबीसी ने 2022 की सबसे प्रभावशाली 100 महिलाओं की सूची में शामिल किया है। इस सूची में केवल चार भारतीयों को स्थान मिला है, जिनमें प्रियंका भी एक हैं।
प्रभावशाली भारतीय प्रियंका
2022 में प्रियंका इसलिए भी प्रभावशाली रहीं क्योंकि उन्होंने अपना फोकस सिल्वर स्क्रीन से बाहर सामाजिक बदलाव लाने पर शिफ्ट किया। हाल ही में प्रियंका ने इंस्टाग्राम पर कुछ तस्वीरें और वीडियो शेयर की है। इसमें उन्हें अफ्रीकी देशों में क्लाइमेट चेंज और टकराव के कारण मानवीय संकट और बच्चों की मौत जैसी गंभीर और संवेदनशील समस्या पर बात करते देखा गया।