बजट 2019: जब निर्मला सीतारमण ने भाषण में किया इन लोगों का जिक्र
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में अपने बजट भाषण की शानदार शुरुआत की। सीतारमण ने 120 मिनट तक बजट पढ़ा। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कई गद्य और कविता का इस्तेमाल किया। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की कई नीतियों और उपलब्धियों की सराहना करते हुए बजट भाषण की शुरूआत की। बजट भाषण के शुरू में उन्हें 'मजबूत देश के मजबूत नागरिक' लाइन को कोट किया। अपने बजट में उन्होंने भगवान बसवेश्वर के नाम का भी जिक्र किया।
इसके बाद निर्मला सीतारमण ने भाषण में मंजूर हाशमी के शेर का भी पढ़ा। यह शेर था- यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी ले कर चिराग जलता है। उनका यह शेर सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को पूरा करने की नीतियों के लेकर था। इतना ही नहीं निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में चाणक्य नीति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा- कार्य पुरुष करे ना लक्ष्य चंपा जयते।
इतना ही नहीं निर्मला सीतारमण ने स्वामी विवेकानद के एक कोट को भी अपने भाषण में शामिल किया। बजट भाषण के दौरान महिलाओं के बारे में घोषणाएं करने से पहले उन्होंने स्वामी विवेकानंद की कही बात का उल्लेख किया, जिसके जरिए उन्होंने समाज में महिलाओं के महत्व को बताया। सीतारमण ने अपनी बात 'नारी तू नारायणी' कहते हुए शुरू की और इसके जरिए देश की महिलाओं का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्होंने बताया, विवेकानंद ने एक चिट्ठी में लिखा था, 'महिलाओं की स्थिति में सुधार हुए बिना दुनिया का कल्याण संभव नहीं है। कोई भी पक्षी एक पंख के सहारे नहीं उड़ सकता।'
मोदी सरकार एक में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार संसद में शेर और कविता पढ़ चुके हैं। कुछ वक्त पहले टीएमसी सांसद महुआ मित्रा ने संसद में मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए एक भाषण दिया था।
सरकार 1 , 2 , 5, 10 और 20 रुपये का नए सिक्के लाएगी: वित्त मंत्री