कृषि कानूनों के खिलाफ अब अनशन नहीं करेंगे अन्ना हजारे, सरकार को लेकर कही ये बात
नई दिल्ली। गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने फैसला किया है कि कृषि कानूनों के खिलाफ वो अपना प्रस्तावित अनशन अब नहीं करेंगे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद अन्ना हजारे ने ये ऐलान किया। यही नहीं, अन्ना ने किसानों के हित में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को समर्थन किया है। गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ वे शनिवार से अनशन करने वाले थे।
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आपको बता दें कि इससे पहले, अन्ना हजारे ने घोषणा करते हुए कहा था कि वह केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ शनिवार को महाराष्ट्र में अपने गांव रालेगांव सिद्धि में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे। उन्होंने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा, "मैं कृषि क्षेत्र में सुधारों की मांग करता रहा हूं, लेकिन केंद्र सही फैसले लेते नहीं दिख रहा है।''हजारे ने कहा, ''किसानों को लेकर केंद्र कतई संवेदनशील नहीं है, इसीलिए मैं 30 जनवरी से अपने गांव में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर रहा हूं।''
83 वर्षीय अन्ना हजारे ने अपने समर्थकों से अपील भी की कि वे कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए अहमदनगर जिले में स्थित उनके गांव में एकत्र नहीं हों।'' उल्लेखनीय है कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले, महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि गांव में मीडिया से बात करते हुए अन्ना हजारे ने कहा था कि वह किसानों के लिए पिछले तीन साल से प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार ने मामले को सुलझाने के लिए कुछ भी नहीं किया है। पिछले महीने अन्ना हजारे ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखते हुए चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो वह भूख हड़ताल करेंगे।
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