Farm Laws: सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने सीलबंद लिफाफे में सौंपी रिपोर्ट, 5 अप्रैल को सुनवाई
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है। कमेटी के एक सदस्य ने मीडिया को इस बारे में जानकारी दी है। सील बंद लिफाफे में सौंपी गई इस रिपोर्ट में क्या है इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। 5 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।
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मोदी सरकार द्वारा लाए तीन कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर पिछले साल नवम्बर से ही हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर बैठे हुए हैं। इस बीच सरकार और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हुई जिसके बाद भी कोई हल नहीं निकला। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा जहां सर्वोच्च अदालत ने कृषि कानूनों पर रोक लगाते हुए एक कमेटी गठित करने का आदेश दिया था।
11
जनवरी
को
हुआ
था
गठन
सुप्रीम
कोर्ट
के
आदेश
के
बाद
11
जनवरी
को
कानूनो
के
बारे
में
समीक्षा
करने
के
लिए
कमेटी
का
गठन
किया
गया।
इस
कमेटी
में
अशोक
गुलाटी,
अशोक
धनवत
और
प्रमोद
जोशी
को
सदस्य
बनाया
गया।
किसान
नेता
भूपिंदर
सिंह
मान
का
नाम
भी
कमेटी
में
था
लेकिन
उन्होंने
खुद
को
अलग
कर
लिया
था।
इसके
अलावा
अर्थशास्त्री
अशोक
गुलाटी
में
कमेटी
में
सलाहकार
के
रूप
में
हैं।
सुप्रीम कोर्ट की गठित इस कमेटी का किसान संगठनों ने शुरुआत से ही विरोध किया है और इस कमेटी के सदस्यों से किसी तरह की बात करने से इनकार कर दिया था। किसान संगठनों का कहना है कि इस कमेटी के सदस्य पहले कृषि कानूनों का समर्थन कर चुके हैं। ऐसे में उन्हीं लोगों की कमेटी बना देना न्यायसंगत नहीं है।