Fact Check: दिल्ली हिंसा की बताकर सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही ये फोटो, जानिए सच्चाई
नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को भड़की हिंसा से जुड़ी कई तस्वीरें और वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इनमें से बहुत ही कम ऐसे फोटो हैं जो सही है, वायरल हो रही ज्यादातर तस्वीरें झूठी हैं और उनका दिल्ली में हुई हिंसा से कोई लेना देना नहीं है। ऐसी ही एक फोटो सोशल मीडिया पर काफी दौड़ रही है जिसमें एक पुलिसकर्मी हाथ में लकड़ी का डंडा लिए एक बच्चे को मारता दिखाई दे रहा है। इस तस्वीर को दिल्ली हिंसा के समय का बताया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर
व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही इस फोटो के साथ एक मैसेज भी भेजा जा रहा है जिसमें कहा गया है कि, दिल्ली हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस का जवान क्रूरता से बच्चे को मारता हुआ। फोटो को दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से जोड़कर बताया जा रहा है। जब इंडिया टुडे ने इस तस्वीर की पड़ताल की तो जो सच्चाई सामने आई उसने सबको चौंका दिया। आइए जानते हैं क्या है वायरल हो रहे इस तस्वीर की सच्चाई?
फोटो में किया गया ये दावा
वायरल हुई तस्वीर को फेसबुक यूजर अनिल कुमार यादव नाम के एक यूजर ने भी पोस्ट किया है। फोटो में हेलमेट पहने पुलिसवाला बच्चे को मारने के लिए डंडा हवा में उठाता है, दूसरी तरफ वह बच्चा पुलिसवाले की मार से बचने की कोशिश करता हुआ दिखाई दे रहा है। फोटो के साथ अनिल ने पोस्ट में लिखा, 'बहुत बड़े आतंक को पीटते हुए दिल्ली पुलिस।' दरअसल, अनिल के मुताबिक दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिस मासूम बच्चे को मार रही है जो दिल्ली पुलिस की क्रूरता को दर्शाता है। अनिल के पोस्ट को 27 हजार लोगों ने शेयर किया और और 355 लोगों ने कमेंट किया है।
वायरल हो रही तस्वीर का सच
जब यह तस्वीर 'इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वार रूम' में पहुंची तो इसकी सच्चाई सबके सामने आई। वायरल हो रही फोटों की जांच करने पर बता चला कि यह पूरी तरह झूठी है और लोगों में गलतफहमी फैलाई जा रही है। इंडिया टुडे के मुताबिक यह फोटो भारत की नहीं बल्कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका की है। यह तस्वीर आज की भी नहीं, यह 10 साल पुरानी फोटो हैं।
30 जून 2010 को ली गई थी तस्वीर
फोटो के बारे में खोजबीन करने पर यह अंग्रेजी समाचार पत्र 'द गार्डियन' मे छपी मिली जो 10 साल पहले पब्लिश हुआ था। फोटे के साथ कैप्शन में लिखा है कि 'बांग्लादेश का एक पुलिसकर्मी ढाका में कपड़ा श्रमिकों के साथ झड़प के दौरान एक बच्चे को मारता हुआ।' दरअसल, यह तस्वीर तब ली गई थी जब ढाका में कपड़ा श्रमिक कम मजदूरी और श्रमिकों की खराब स्थिति का विरोध कर रहे थे। इसके अलावा यह तस्वीर 'गेटी इमेज' पर भी मिली, इस फोटो को 30 जून 2010 को लिया गया था। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह फोटो पूरी तरह गलत निकली।
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