Exclusive: कारगिल शहीद के पिता की मोदी को सलाह, पाक से रहें सावधान
अब इसे एक संयोग कहा जाए या कुछ और कि जिस दिन इंडियन एयरफोर्स ने कॉरगिल वॉर के तहत कारगिल में छिपे पाक घुसपैठियों को निकालने के लिए ऑपरेशन की शुरुआत की, उसी दिन पाक प्रधानमंत्री भारत पहुंचे हैं। वही नवाज शरीफ जो कारगिल के समय दुश्मन देश के वजीर-ए-आजम थे।
कारगिल वॉर की याद आते ही याद आ जाती है कैप्टन सौरभ कालिया की। भारतीय सेना का वह जाबांज जिसे पाकिस्तान ने करीब एक महीने तक अपने चंगुल में रखा।कैप्टन कालिया और भारतीय सेना के पांच जवानों को पाक ने अपने कब्जे में रखकर बहुत ही बुरी तरह से टॉर्चर किया था।
शहीद कालिया के पिता डॉक्टर एनके कालिया ने नवाज शरीफ के इस एक दिन के दौरे के बारे में वनइंडिया हिंदी के साथ अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। डॉक्टर कालिया ने साफ कहा कि वह नरेंद्र मोदी के नवाज शरीफ को निमंत्रण भेजने वाले कदम का स्वागत करते हैं लेकिन पाकिस्तान से सावधान रहना होगा।
मुंह में राम बगल में छुरी वाला पाक
डॉक्टर कालिया से जब हमने नवाज शरीफ के इस एक दिन के दौरे के बारे में बात की तो उन्होंने साफ कहा कि नरेंद्र मोदी ने बड़ा ही साहसिक कदम उठाया है लेकिन इसके बाद भी पाक से हमेशा सावधान रहना होगा।
डॉक्टर कालिया ने कहा, 'पिछले 60 वर्षों का इतिहास अगर हम देखें तो पाकिस्तान के इरादे साफ हो जाते हैं। अतिथि का सत्कार करना हमारी परंपरा है लेकिन पाक एक ऐसा अतिथि और पड़ोसी है जिसके मुंह में राम और बगल में छुरी है।'
डॉक्टर कालिया की मानें तो पाक पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता है। पाकिस्तान ने कभी भी भारत की भावना की कद्र नहीं की है। चाहे वह 1947 हो, 1965 हो, 1971 हो या फिर 1999 में हुआ कारगिल वॉर ही क्यों न हो। पाक ने हमेशा भारत के लिए नापाक इरादे रखें हैं।
न भूलें सौरभ और हेमराज को
शहीद कैप्टन सौरभ कालिया और उनके पांच साथी जवानों की बुरी तरह से हत्या करने के बाद पाक सेना ने जनवरी 2013 में भारतीय सेना के एक और बहादुर जवान हेमराज की भी बुरी तरह से हत्या की और उसका सिर काटकर अपने साथ ले गए।
डॉक्टर एनके कालिया ने कहा नवाज शरीफ भारत आ रहे हैं बहुत ही अच्छी बात है लेकिन इसके साथ ही साथ भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाक के सामने शहीद सौरभ कालिया और उनके पांच साथियों और शहीद हेमराज की घटना का जिक्र भी करना न भूलें।
साथ ही साथ जिस तरह से पाकिस्तान पिछले कुछ समय से देश में कभी फेक करेंसी तो कभी आतंकवाद के जरिए अपने मंसूबों को पूरा करने में लगा हुआ है, उस पर नजर बनाएं रखें। डॉक्टर एनके कालिया के मुताबिक नेता समझदार हैं और उम्मीद है कि वह सोच-समझकर ही कोई कदम उठाएंगे।
सेना के सम्मान की रखें लाज
डॉक्टर एनके कालिया की ओर से सौरभ और उनके पांच साथियों की हत्या के एवज में भारत सरकार से अतंराष्ट्रीय कोर्ट में जेनेवा कंवेशन के तहत केस चलाने की मांग की गई थी।
यूपीए सरकार की ओर से इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया गया था। फिर डॉक्टर कालिया ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली और अब इस वर्ष सितंबर-अक्टूबर में उनके केस की सुनवाई होगी।
डॉक्टर कालिया कहते हैं कि वह एक आशावादी इंसान हैं। उन्हें उम्मीद है कि केंद्र में आने वाली नई सरकार इस मुद्दे पर ध्यान देगी। डॉक्टर कालिया कहते हैं कि अब सौरभ या फिर उसके पांच साथी तो कभी वापस नहीं आएंगे लेकिन यह लड़ाई सेना के सम्मान की लड़ाई है और सरकार का कर्तव्य है कि वह इस सम्मान को बरकरार रखे।