तमिलनाडु में मर्जर इफेक्ट, अल्पमत में पलानीसामी सरकार?
जिन 19 विधायकों के सरकार से समर्थन वापसी का एलान किया है वो मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और ओ पनीरसेल्वम के धड़े में हुए विलय से नाराज बताए जा रहे हैं
नई दिल्ली। तमिलनाडु में एआईएडीएमके के दोनों धड़ो के मर्जर के बाद से ही सीएम पलानीसामी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। वहां की सियासत ने एक बार फिर से करवट लिया है टीटीवी दिनाकरन और शशिकला के वफादार 19 विधायकों ने पलानीसामी सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा है। इसके साथ तमिलनाडु में एआईएडीएमके की सरकार अल्पमत में दिख रही है।
जिन 19 विधायकों के सरकार से समर्थन वापसी का एलान किया है वो मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और ओ पनीरसेल्वम के धड़े में हुए विलय से नाराज बताए जा रहे हैं। इस राजनीतिक डेवलपमेंट के बाद से विपक्षी दल डीएमके ने फ्लोर टेस्ट की मांग की है।
दरअसल मौजूदा हालात में सत्ताधारी पार्टी अल्पमत में दिख रही है। तमिलनाडु की 234 सदस्यीय विधानसभा में AIADMK के पास कुल 134 विधायक हैं, जबकि डीएमके के पास 89 विधानसभा सीट हैं और उसकी सहयोगी कांग्रेस के पास 8 तथा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के पास एक सीट है।
इसी बीच डीएमके नेता एमके स्टालिन ने दावा किया है कि एआईएडीएमके के 3 और विधायक पलनीसामी का साथ छोड़ रहे हैं। ऐसे में AIADMK विधायकों की संख्या 112 ही रह जाएगी, जो कि बहुमत के आंकड़े 117 से छह कम हैं।
इस बीच सूत्रों के मुताबिक, दिनाकरन के समर्थक माने जाने वाले विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए उन्हें पुडुचेरी के एक रिसॉर्ट रखा गया है. इससे पहले दिनाकरन समर्थक और आंडीपट्टी से विधायक थांगा तमिल सेल्वन ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, हम हमारा समर्थन करने वाले विधायकों की मदद से एक नए मुख्यमंत्री को लाने के प्रयास शुरू कर रहे हैं। राजभवन के सूत्रों ने भी इस बैठक की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने इसका ब्योरा नहीं दिया है।