गृह मंत्रालय ने चुनाव आयोग की ज्यादा सुरक्षाबल की मांग को ठुकराया, अनंतनाग उपचुनाव कैंसिल
चुनाव आयोग ने अनंतनाग लोकसभा उप-चुनावों को निरस्त किया। आयोग का कहना वर्तमान हालातों में अनंतनाग में चुनाव संभव नहीं। पहले 12 अप्रैल को होने थे उपचुनाव लेकिन आयोग ने तारीख बढ़ाकर 25 मई कर दिया था।
श्रीनगर। चुनाव आयोग ने 25 मई को होने वाले अनंतनाग उपचुनावों को कैंसिल कर दिया है। आयोग का कहना है कि घाटी के वर्तमान हालातों में यहां पर निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। पहले 12 अप्रैल को ये चुनाव होने वाले थे लेकिन फिर कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए इनकी तारीख को आगे बढ़ाकर 25 मई किया गया था।
आयोग ने की थी 740 कंपनियों की मांग
आयोग की ओर से सोमवार रात यह आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि सुरक्षाबलों की पर्याप्त संख्या न होना भी इन चुनावों को कैंसिल करने की एक वजह है। सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने अर्धसैनिक बलों की 740 कंपनियों को तैनात करने की मंजूरी मांगी थी। गृह मंत्रालय की ओर से इस बाबत आयोग को जवाब दिया कि वह सिर्फ 300 कंपनियां ही मुहैया करा सकता है। एक कंपनी में करीब 100 जवान होते हैं। चुनाव आयोग के 10 पेज के आदेश में कहा गया है कि चुनाव की नई तारीखों का ऐलान बाद में किया जाएगा। चुनाव आयोग की ओर से पिछले हफ्ते एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। इस बैठक में अनंतनाग लोकसभा उपचुनावों के लिए तैयारियों का जायजा लिया गया था। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां भी परखी गई थीं। यह मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी।
पत्थरबाजी में तेजी से इजाफा
घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। सोमवार को भी पुलवामा में छात्रों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई। पुलवामा के एक सरकारी डिग्री कॉलेज के छात्रों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी के पोस्टर्स लगाए। इन पोस्टर्स के साथ ही छात्रों ने आजादी के नारे भी लगाए। इन सबसे अलग छात्र आईएसआईएस के झंडे भी लहरा रहे थे। शनिवार को कश्मीर पुलिस ने कथित तौर पर श्रीनगर के गोग्जी बाग इलाके में स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रों और टीचर्स के खिलाफ बल प्रयोग किया था। छात्रों ने आरोप लगाया था कि जब मासूम निर्दोष कश्मीरी नागरिकों की मौत के विरोध में वह शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे तो उनके साथ मारपीट की गई थी। ताजा विरोध प्रदर्शन वह शनिवार को सुरक्षाबलों की कार्रवाई के विरोध में ही किया गया।