कोरोना पर चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, 2 मई को मतगणना के दिन या उसके बाद विजय जुलूसों पर लगाया प्रतिबंध
कोरोना पर चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, 2 मई को मतगणना के दिन या उसके बाद विजय जुलूसों पर लगाया प्रतिबंध
नई दिल्ली, 27 अप्रैल: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच भारत निर्वाचन आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि 2 मई से विधानसभा चुनाव की जीत के जश्न पर पाबंदी होगी। यानी पश्चिम बंगाल, केरल सहित जिन 5 राज्यों में चुनाव हुए हैं, उनके नतीजे 2 मई को आने वाले हैं। लेकिन काउंटिंग शुरू होने के बाद राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के बाद जश्न, रैली, विजय जुलूसों इत्यादि नहीं निकाल पाएंगे। चुनाव के बाद की इन सारी गतिविधियों पर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध लगा दिया है। जल्द ही इसको लेकर विस्तृत आदेश जारी किया जाएगा। कोरोना काल में पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराने को लेकर पिछले कई दिनों से चुनाव आयोग की काफी आलोचना हुई है।
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पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव हुए हैं। जिसके नतीजे 2 मई को घोषित किए जाने हैं। इन पांच राज्यों में से 4 राज्यों में चुनाव खत्म हो गए हैं। पश्चिम बंगाल में एक चरण की वोटिंग बाकी है, जो 29 अप्रैल को होनी है। ऐसे में चुनाव आयोग ने यह बड़ा फैसला किया है।
कोरोना की दूसरी लहर के बीच चुनावा प्रचार, रैलियों और रोड शो को ना बंद करने को लेकर चुनाव आयोग की जमकर आलोचना हुई है। मद्रास हाई कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को फटकार लगाई है। मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस को फैलाने के लिए चुनाव आयोग इकलौता जिम्मेदार है।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने तो यह तक कगा कि निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज होना चाहिए। हाई कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों की रैलियों और चुनावी सभाएं करने की अनुमति देकर कोरोना को और भी फैलने का मौका दिया है।