नमो टीवी को लेकर चुनाव आयोग ने दिल्ली के CEO से पूछा सवाल
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बीच जिस तरह से नमो टीवी की शुरुआत हुई है उसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इस बीच चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिखकर पूछा है कि नमो टीवी पर जो कुछ भी प्रसारित किया जा रहा है क्या उसे मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनिटरिंग कमेटी से अनुमति ली गई थी, क्योंकि यह सभी राजनीतिक प्रचार के लिए अनिवार्य है। बता दें कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसचैनल को पार्टी का प्रचार माध्यम बताया है।
पार्टी कर रही है खर्च को वहन
सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग ने दिल्ली के चुनाव आयुक्त से पूछा है कि क्या नमो टीवी को ऑन एयर करने से पहले इसकी कंटेन्ट को सर्टिफाई किया गया था। अगर इसे सर्टिफाई नहीं किया गया तो इसकी क्या वजह थी। चुनाव आयोग इस बात की पुष्टि करना चाहता है कि सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रचार को आचार संहिता के आधार पर प्रसारित किया जा रहा है या नहीं। गौर करने वाली बात है कि नमो टीवी का पूरा खर्च भारतीय जनता पार्टी वहन कर रही है। चुनाव आयोग को पार्टी की ओर से इस बाबत जानकारी दी गई है।
तीन दिन पहले लेनी होती है अनुमति
नियमों के अनुसार किसी भी राजनीतिक दल को अपने प्रचार को मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच ले जाने से तीन दिन पहले उसे इसकी अनुमति लेनी होती है। चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि जब हमे दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी इस बाबत जवाब देंगे तो हम इसका फैसला लेंगे कि आगे क्या कार्रवाई करनी है। चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार एमसीएमसी जिला और राज्य स्तर पर चुनाव प्रचार को सर्टिफिकेट देता है। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की शिकायत के आधार पर नमो टीवी का विवरण मांगा है।
पीएम ने दी थी जानकारी
बता दें कि नियमों के अनुसार इस तरह के प्रचार प्लेटफॉर्म को चलाने के लिए मंत्रालय की स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं होती है। नमो टीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमाम भाषण, भाजपा के कई नेताओं का भाषण, सरकारी योजनाओं आदि की जानकारी दिनभर दिखाई जाती है। इस चैनल को पीएम मोदी और भाजपा दोनों सोशल मीडिया पर आगे बढ़ा रहे हैं। खुद पीएम मोदी ने इस टीवी चैनल की जानकारी एक ट्वीट के जरिए दी थी।
इसे भी पढ़ें- राहुल गांधी आज अमेठी में करेंगे अपना नामांकन, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी होंगी साथ