डोकलाम में भारत और चीन अपनी-अपनी सेना हटाने को तैयार
Recommended Video
नई दिल्ली। भारत और चीन अपनी-अपनी सेनाओं को डोकलाम से पीछे हटाने के लिए तैयार हो गए हैं। दोनों देशों के बीच पिछले 10 हफ्तों से गतिरोध चल रहा था लेकिन अब भारत और चीन ने अपनी-अपनी सेना को वापस बुलाने का मन बना लिया है। दोनों पक्षों के बीच हुए एग्रीमेंट में कहा गया है कि भारत और चीन की अपनी-अपनी सेनाएं वापस बुलाएगी और डोकलाम विवाद खत्म करना करेगी। हालांकि चीन ने कहा है कि वे डोकलाम में सड़क निर्माण नहीं करेगे लेकिन उनकी सेना इस क्षेत्र में पेट्रोलिंग करती रहेगी। वहीं, दूसरी तरफ इस क्षेत्र में पेट्रोलिंग को लेकर भारत की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
भारत की कूटनीतिक जीत
डोकलाम विवाद पर चीन ने कई बार भारत के साथ युद्ध की धमकियां दी थी लेकिन भारत की रणनीति के आगे इस बार चीन ने अपना रवैया बदलते हुए अपनी सेना को पीछे हटाने का फैसला लिया है। यह भारत की बहुत बड़ी कूटनीति जीत है क्योंकि चीन कई बार भारत से रिश्तें खराब करने और युद्ध की धमकी दे चुका था। वहीं, इस बार इंडियन आर्मी ने भी जोरदार ढंग से विरोध करते हुए लगातार चीनी सेना का सामना करती रही। आखिरकार भारत और चीन को डोकलाम में अपनी-अपनी सेना को हटाना पड़ा।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने जारी किया बयान
आपको बता दें कि भारत के रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक बयान देते हुए कहा है कि डोकलाम में दोनों ही पक्ष अपनी सेना हटाने के लिए तैयार हुए है। पिछले कुछ हफ्तों से डोकलाम विवाद को लेकर दोनों ही देशों के बीच बातचीत चल रही थी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस कूटनीति बातचीत के दौरान हमने अपना पक्ष रखने की पूरी कोशिश की।
ब्रिक्स सम्मेलन से पहले दोनों ने लिया बड़ा फैसला
डोकलाम विवाद पर दोनों पक्षों के बीच ऐसे समय पर समझौता हुआ है, जब अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन के लिए चीन रवाना हो रहे हैं। आपको बता दें कि पीएम के दौरे से पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल एनएसए ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने चीन गए थे। डोकलाम विवाद को लेकर उस बैठक में क्या हुआ इसके बारे में दोनों तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था। हालांकि अब दोनों ही देश डोकलाम से अपनी सेना को हटाने के लिए राजी हो गए है।
क्या था डोकलाम विवाद
- डोकलाम भूटान का एक हिस्सा है, जिसकी सीमा भारत और चीन से मिलती है।
- चीन शुरू से ही डोकलाम को अपना ऐतिहासिक हिस्सा बताते हुए आया है।
- जून महीने में चीनी सेना ने डोकलाम में सड़क निर्माण शुरू किया था, जिसको लेकर भारत ने आपत्ति जताई थी।
- 18 जून को करीब 250 से 300 भारतीय जवानों ने चीन को जवाब देने के लिए डोकलाम में प्रवेश कर लिया।
- इंडियन आर्मी ने डोकलाम में पहुंचते ही चीन के सड़क निर्माण को रोक दिया।
- करीब 10 हफ्तों से खड़ी दोनों देशों के सेनाओं की कई बार मुठभेड़ भी हुई।
- इस क्षेत्र में एक नदी भी है जिसे ऐमेचो नदी कहा जाता है। इस इलाके को चुम्बी नदी घाटी के नाम से जाना जाता है।
- ये जगह भारत के बेहद करीब है इसलिए इस क्षेत्र में चीन द्वारा सड़क निर्माण, भारत के लिए यह एक चिंता का कारण बन रहा था।