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शरीर पर गाय का गोबर और मूत्र का लेप लगाने से नहीं होता है कोरोना? जानिए क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स

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नई दिल्ली। जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर खतरनाक हो चुकी है। संक्रमितों और मृतकों की संख्‍या में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोत्तरी हो रही है। अस्‍पतालों के हाल भी खस्‍ताहाल हैं। ऑक्‍सीजन और बेड की कमी के चलते मरीजों को सही समय पर सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में तमाम लोग इस खतरनाक वायरस से बचने के लिए देसी नुस्‍खे आजमा रहे हैं। कोई काढ़ा पीने की सलाह दे रहा है तो कोई नींबू और सेंधा नमक के सेवन से कोरोना के बचाव का दावा कर रहा है। इस बीच इंटरनेट पर एक ऐसा नुस्‍खा वायरल हो रहा है जिसे लोग इम्‍यूनिटी बूस्‍टर बता रहे हैं।

शरीर पर गाय का गोबर और मूत्र का लेप लगाने से नहीं होता है कोरोना? जानिए क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स

कई इलाकों से खबरें आ रही हैं कि लोग कोरोना से बचाव के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि गाय का गोबर शरीर पर लगाने से इम्‍यूनिटी बढ़ता है। लेकिन इसे लेकर डॉक्‍टरों ने चेतावनी दी है। डॉक्‍टरों का कहना है कि कोरोना को रोकने के लिए गोबर के इस्‍तेमाल से लोगों को दूसरी बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा डॉक्‍टरों ने यह भी कहा है कि साइंस में इसका कोई प्रमाण नहीं है जिसमें ये कहा जा सके कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए गाय के गोबर से मदद मिलती है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल ने कहा कि इसका कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि गाय का गोबर या मूत्र कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम करता है, यह पूरी तरह से विश्वास पर आधारित है। इन उत्पादों को नष्ट करने या सेवन करने में स्वास्थ्य जोखिम भी शामिल हैं - अन्य बीमारियां पशु से मनुष्यों में फैल सकती हैं।" आपको बता दें कि देश के कई राज्‍यों में बीते कुछ सप्‍ताह से लोग गायों के गोबर और मूत्र से अपने शरीर को ढकने के लिए गायों के आश्रमों में जा रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि यह उनकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देगा या कोरोना वायरस से उबरने में मदद करेगा।

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English summary
Doctors in India are warning against the practice of using cow dung in the belief it will ward off COVID-19, saying there is no scientific evidence for its effectiveness and that it risks spreading other diseases.
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