जो काम करोड़ों के विज्ञापन नहीं कर पाए, मोदी की नोटबंदी ने कर दिखाया
नोटबंदी के फैसले के बाद सिगरेट और पान मसाला की खरीद में हुई भारी गिरावट
देहरादून। नोटबंदी के बाद कई बिजनेस पर मंदी का असर देखने को मिल रहा है।
लेकिन इस फैसले का असर सिगरेट की बिक्री पर काफी पड़ा है, सिगरेट की बिक्री पर 40 फीसदी की कमी देखने को मिल रही है।
सिगरेट की बिक्री में कमी की अहम वजह खुले पैसे का ना होना बताया जा रहा है।
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पान बेचने वाले किशन कुमार का कहना है कि नोटबंदी के ऐलान के बाद चार-पांच दिन तो एक भी सिगरेट की बिक्री नहीं हुई।
हालांकि बिक्री में समय के साथ थोड़ी बढ़ोत्तरी हुई लेकिन अभी भी उस मात्रा में सिगरेट नहीं बिक रही है जितनी नोटबंदी के फैसले के पहले होती थी।
दुकानदार का कहना है कि मेरे अनुमान से सिगरेट की बिक्री में 40 फीसदी की कमी आई है।
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यह किस्सा सिर्फ एक पानवाले का नहीं हैं, तकरीबन हर दुकानदार इसी संकट से गुजर रहा है। तमाम दुकानदारों का कहना है कि नोटबंदी के बाद बिक्री तकरीबन 50 फीसदी कम हो गई है।
राजपुर में पान की दुकान चलाने वाले रोहन का कहना है कि तमाम पुराने ग्राहक सामान खरीदना तो चाहते हैं लेकिन वह उधार की मांग करते हैं जोकि मुमकिन नहीं है।
तमाम बड़े दुकानदार भी हमें माल उधार पर देने को तैयार नहीं है। ऐसे में हमारे लिए भी सामान उधार पर खरीदने में काफी दिक्कत हो रही है, जिसके चलते बिक्री पर काफी असर पड़ रहा है।
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जो लोग सिगरेट पीना छोड़ना चाहते हैं कि उनके लिए नोटबंदी का फैसला काफी कारगर साबित हो सकता है।
कौलागढ़ के ललित बिष्ट का कहना है कि नोटबंदी के बाद मैं अब सिर्फ एक सिगरेट दिन में पीता हूं, उनका कहना है कि मैं इस फैसले से खुश, इसी बहाने सिगरेट छोड़ने में मदद मिल सकती है।