दिल्ली हिंसा: पिछले तीन दिनों में उत्तर पूर्वी दिल्ली में क्या क्या हुआ
दिल्ली के अलग-अलग इलाक़ों में फैली हिंसा के कारण अब तक 20 लोगों की जान जाने की ख़बर है. तीन दिनों तक जारी हिंसा को लेकर बुधवार को दिल्ली पुलिस ने कहा कि अब अधिकतर इलाक़ों में शांति क़ायम हो गई है. इस हिंसा को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके दिल्ली के लोगों के शांति और भाईचारा कायम करने की अपील की है.
दिल्ली के अलग-अलग इलाक़ों में फैली हिंसा के कारण अब तक 20 लोगों की जान जाने की ख़बर है.
तीन दिनों तक जारी हिंसा को लेकर बुधवार को दिल्ली पुलिस ने कहा कि अब अधिकतर इलाक़ों में शांति क़ायम हो गई है.
इस हिंसा को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके दिल्ली के लोगों के शांति और भाईचारा कायम करने की अपील की है.
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूरे मामले पर कहा कि गृहमंत्री अमित शाह को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.
दिल्ली में हिंसा का सिलसिला कब और कैसे शुरू हुआ, कैसे-कैसे तनाव बढ़ा, क्या-क्या हुआ और अब क्या स्थिति है; आगे पढ़ें हर दिन का सिलसिलेवार ब्योरा:
रविवार, 23 जनवरी
नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के विरोध में दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन चल रहे थे.
शाहीन बाग़ के अलावा जाफ़राबाद, करदमपुरी, चांद बाग़, खजूरी ख़ास, वजीराबाद और यमुना विहार इलाक़े में भी लोग जमा होकर विरोध जता रहे थे.
शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को जाफ़राबाद में प्रदर्शन कर रहे लोग सर्विस लेन से हटकर मेट्रो स्टेशन के नीचे बैठ गए. इसके बाद रविवार दोपहर तक कुछ मेट्रो स्टेशन बंद करने पड़े.
यहां माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया जब पूर्व विधायक और बीजेपी नेता कपिल मिश्रा नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में कुछ लोगों को साथ लेकर जाफ़राबाद से लगभग एक किलोमीटर दूर मौजपुर की तरफ़ बैठ गए.
शाम होते-होते यहां सीएए समर्थकों और विरोध कर रहे लोगों में झड़प की ख़बरें आईं. दोनों पक्षों की ओर से नारे लगाते हुए रिकॉर्ड वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने लगे.
रविवार रात को ऐसे वीडियो भी सोशल मीडिया पर दिखे जिसमें यमुनापार इलाक़े में ट्रैक्टरों से पत्थर लाकर जमा करने के दावे किए गए.
सोमवार, 24 जनवरी
माहौल सोमवार से और ख़राब होना शुरू हुआ. सुबह लगभग सात बजे मौजपुर चौक पर कुछ लोग नागरिकता क़ानून के समर्थन में बैठ गए.
इसके तीन घंटे बाद, इस जगह से 200 मीटर आगे कबीर नगर इलाके में नागरिकता क़ानून के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए.
साढ़े 10 बजे मौजपुर चौक और कबीर नगर में जमा लोगों के बीच पथराव होने लगा. यह सिलसिला दिन में एक बजे तक चलता रहा.
इसके बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूसरे इलाक़ों से भी ऐसी ही पत्थरबाज़ी और हिंसक झड़पों की ख़बरें आने लगीं.
दो बजे तक जाफ़राबाद, गोकुलपुरी और भजनपुरा में हिंसक झड़पों के दौरान घरों और धार्मिक स्थलों को नुक़सान पहुंचाया गया.
भजनपुरा के चांदबाग इलाक़े में सुबह 11 बजे के क़रीब उपद्रवियों ने पेट्रोल पंप के पास खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी. भजनपुरा चौक पर मौजूद मज़ार और दुकानों को आग लगा दी गई.
धीरे-धीरे हालात ख़राब होते गए. गोकुलपुरी में हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल गोली और पत्थर लगने से घायल हुए जिनकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
इसके बाद 2.30 बजे ही डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा घायल हुए. फिर 3 बजे के आसपास जाफ़राबाद इलाक़े में एक शख्स ने गोली चलाई जिससे एक लड़का घायल हो गया.
शाम 4 बजे करदमपुरी इलाक़े में फिर पत्थरबाज़ी शुरू हो गई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस इस्तेमाल की.
यहां झड़पों का सिलसिला शाम 6 बजे तक चला. फ़ायर ब्रिगेड का कहना है कि रात भर इस इलाक़े से आग लगने पर कॉल आते रहे.
इस बीच मौजपुर में भी हवा में पिस्तौल लहराते एक युवक की तस्वीर सामने आई. इसने एक पुलिस अधिकारी पर पिस्तौल तानी थी. अभी यह युवक पुलिस हिरासत में बताया जा रहा है.
करदमपुरी, गोकुलपुरी और ब्रह्मपुरी इलाक़े में रातभर नारे लगाते लोगों की भीड़ सड़कों पर घूमती रही.
वायरल वीडियोज़ में ये भीड़ 'जय श्री राम' के नारे भी लगा रही थी और 'नारा-ए-तकबीर' और 'अल्लाह-हू-अकबर' के नारे भी लगा रही थी.
गोकुलपुरी में टायर मार्केट की कई दुकानों में आग लगा दी गई. कुछ इलाक़ों की सड़कों पर जलती गाड़ियां साफ़ दिख रही थीं. जाफ़राबाद से सटे ब्रह्मपुरी में बिजली भी काटी गई थी.
मंगलवार, 25 फ़रवरी
मंगलवार को भी उत्तर-पूर्वी दिल्ली के इन इलाक़ों में हालात तनावपूर्ण बने रहे.पुलिस, आरएएफ़ और एसएसबी ने कई इलाक़ों में फ़्लैग मार्च किया.
इससे पहले हिंसाग्रस्त इलाक़ों में पुलिस या तो थी ही नहीं या फिर बहुत कम नज़र आ रही थी. दिल्ली के खजूरी ख़ास इलाक़े में भीड़ जमा हुई जिसे हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े.
इस दौरान लोगों ने पत्रकारों पर पथराव किया और उन्हें हिंसा की तस्वीरें कैमरों में कैद करने से भी रोका गया. इस बीच दिल्ली के अशोक नगर इलाक़े में एक मस्जिद पर हमला करके आग लगाने और मीनार पर तिरंगा और भगवा फ़हराने की ख़बर आई.
बाद में समाचार एजेंसी एनएनआई ने अनुसार, पुलिस ने बताया कि अशोक नगर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. मगर बीबीसी संवाददाता फ़ैसल मोहम्मद अली बुधवार को जब मस्जिद का मुआयना किया तो पुलिस का दावा ग़लत पाया गया.
गोकुलपुरी की जिस टायर मार्केट में सोमवार को आग लगाई गई थी, वहां फिर से आगज़नी हुई. गोकुलपुरी मेट्रो स्टेशन के पास पथराव भी हुआ.
यहां जय श्रीराम का नारा लगाती भीड़ को फ़िल्मा रही बीबीसी की कार की ओर पत्थर भी फेंके गए. गोकुलपुरी के मीत नगर इलाक़े में लगभग दो सौ लोग तिरंगा और भगवा झंडा लहराते हुए वंदे मातरम और देश के गद्दारों को, गोली मारो... के नारे भी लगा रहे थे.
जाफ़राबाद इलाक़े से सटे ब्रह्मपुरी से भी पथराव की ख़बरें आईं.
हिंसा के बीच देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने हिंसाग्रस्त इलाक़ों का दौरा किया और स्थानीय समुदाय के नेताओं से चर्चा की.
बुधवार, 26 फ़रवरी
बुधवार तक दिल्ली के अलग-अलग इलाक़ों में हुई हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा 20 तक पहुंच गया.
गुरु तेग बहादुर अस्पताल के प्रबंध निदेशक सुनील कुमार गौतम ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि हिंसा के कारण अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 189 लोग घायल हैं.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि कई जगहों पर शांति कायम हो गई है. दिल्ली हाई कोर्ट में भी मामले पर सुनवाई चल रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति की अपील की. उन्होंने ट्वीट करके लिखा,''दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हालात का विस्तार से जायज़ा लिया. पुलिस और एजेंसियां जल्द से जल्द हालात पर काबू पाने के लिए काम कर रही हैं."
पीएम ने लिखा, "शांति और सौहार्द हमारी मूल भावना है. मैं दिल्ली के भाइयों और बहनों से हर समय शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील करता हूं. ये बेहद ज़रूरी है कि जल्द से जल्द हालात सामान्य हों और शांति स्थापित हो."
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफ़ा मांगा. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि दिल्ली में हुई हिंसा 'सोची-समझी साज़िश' का परिणाम है.