Air Pollution: खराब श्रेणी में पहुंचा दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर, सांस लेना हुआ मुश्किल
नई दिल्ली। राजधानी की आबोहवा लगातार खराब हो रही है, यहां सांस लेना मुश्किल हो रहा है, गुरुवार को दिल्ली में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 283 (खराब) और गुरुग्राम में 225 (खराब) है जबकि नोएडा में 319 (बहुत खराब) है।राजधानी में मार्निंग वॉक पर निकल रहे लोगों का कहना है कि अब दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है। सुबह सैर पर निकले एक व्यक्ति ने बताया, 'प्रदूषण से सांस लेने में दिक्कत हो रही है और कोरोना भी चल रहा है। प्रदूषण कम करने के लिए सरकार को कदम उठाने ही चाहिए।'
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हालांकि दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रण करने में लगी है, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को लागू किया है, जिससे दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम किया जा सके, हालांकि सरकार का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण तभी कम होगा जब आस-पास के राज्यों में पराली जलाने पर रोक लगे। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 'प्रदूषण और खासकर पराली का प्रदूषण सिर्फ दिल्ली की समस्या नहीं है, ये पूरे उत्तर भारत की समस्या है।'
क्योंकि इसी से दिल्ली की हवा जहरीली हो रही है। सिसोदिया ने आगे कहा, 'केंद्र सरकार की इस निष्क्रियता का नुकसान सिर्फ दिल्ली को नहीं, पूरे उत्तर भारत के लोगों को उठाना पड़ रहा है। प्रदूषण और कोरोना का खतरा दोनों होने से बहुत जानलेवा स्थिति हो सकती है, इस पर सारी सरकार मिलकर और केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाए।
प्रदूषण पर अभी से ही रोकथाम की जरूरत
आपको बता दें कि राजधानी में सर्दी के मौसम ने दस्तक देनी शुरू कर दी है, पिछले तीन-चार दिनों से दिल्ली-NCR के तापमान में कमी आई है लेकिन पारा गिरने से वायु प्रदूषण भी बढ़ने लगा है, ऐसे में मौसम विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई क्योंकि अगर दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ा तो ये कोरोना वायरस से जंग लड़ रही राजधानी के अच्छी खबर नहीं होगी, इसलिए प्रदूषण पर अभी से ही रोकथाम की जरूरत है।
मालूम हो कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि प्रदूषण बढ़ने पर कोरोना का वायरस हवा में अधिक देर तक रह सकता है। इससे संक्रमण बढ़ने का खतरा ज्यादा है ऐसे में राजधानी और उसके पास के शहरों में प्रदूषण को रोकना बहुत जरूरी है।
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