प्राइवेट स्कूल नहीं बढ़ा सकते फीस, दिल्ली सरकार ने दिखाई सख्ती
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने स्कूलों की फीस को लेकर बड़ा फैसला किया है। दिल्ली में संस्कृति स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के परिजनों को केजरीवाल सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने संस्कृति स्कूलों में फीस नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। इसके अलावा इससे पहले 83 फीसद बढ़ाए गए स्कूल फीस के फैसले को भी वापस ले लिया गया है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्राइवेट स्कूलों की फीस के मुद्दे पर कहा कि इस महामारी के दौरान किसी भी स्कूल को फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कोरोनावायरस महामारी के दौरान स्कूलों की फीस बढ़ाने को लेकर कहा कि, चाणक्यपुरी के संस्कृति स्कूल से जुड़ी कुछ शिकायतें लगातार आ रही हैं। उन्होंने कहा, अभिभावकों ने मुझसे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलकर यह मुद्दा उठाया है कि संस्कृति स्कूल ने 83% फीस बढ़ा दी थी। इसको दिल्ली सरकार ने रद्द कर दिया है।
सिसोदिया ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निर्देश दिए हैं कि संस्कृति स्कूल को फीस बढ़ाने की जो अनुमति दी गई थी वो वापस ली जाए। जिसके बाद स्कूल पर फीस न बढ़ाने का आदेश जारी किया जा रहा है। अब संस्कृति स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकेगा। 2018 में सरकार ने संस्कृति स्कूल को लेकर एक आदेश दिया था और 2018 में फीस बढ़ाने की मांग रद्द की थी, क्योंकि स्कूल के पास सरप्लस अमाउंट था। सिसोदिया ने बताया कि स्कूल को 7वें वित्त आयोग के तहत टीचरों को सैलरी देने का आदेश दिया गया था लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि कुछ स्कूलों ने गैर कानूनी तरीके से स्कूल फीस बढ़ाने की मंजूरी ले ली थी। लेकिन जांच के बाद सामने आया कि उन्होंने कुछ गलत जानकारी दी थी। इसलिए किसी भी स्कूल में मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोरोनावायरस महामारी के दौरान सरकार का आदेश है कि कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता है और ट्यूशन फीस के अलावा कोई फीस नहीं ली जाएगी। अगर दिल्ली का कोई भी स्कूल आदेश का उल्लंघन करता है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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