वायुसेना में हल्के लड़ाकू विमानों की कमी देश के लिए खतरा: पीएसी रिपोर्ट
नई दिल्ली। वायु सेना में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानी हल्के लड़ाकू विमानों की कमी है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व वाली संसद की लोक लेखा समिति (PAC) ने अपनी रिपोर्ट यह दावा करते हुए कहा कि हल्के लड़ाकू विमानों की कमी देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। लोक लेखा समिति ने रक्षा मंत्रालय से इस दिशा में तत्काल आवश्यक कदम उठाने का सुझाव दिया है।
पीएसी में बीजेपी और कांग्रेस के आलावा टीएमसी, शिरोमणि अकाली दल, बीजू जनता दल, शिव सेना के लोकसभा और राज्यसभा के कुल 22 सदस्य शामिल हैं। समिति ने रिपोर्ट में कहा कि वायुसेना फिलहाल अल्पकालीन उपायों पर निर्भर है, लेकिन यह स्थिति ठीक नहीं है। इसका समाधान जल्द से जल्द निकाला जाना चाहिए। पीएसी रिपोर्ट के मुताबिक, 3 दशकों से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद ऐरोनॉटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी (ADA) हल्के स्वदेशी लड़ाकू विमान विकसित नहीं कर पाई है। समिति ने इस बात पर घोर निराशा जताई है।
समिति की रिपोर्ट में वायुसेना को पर्याप्त संख्या में हल्के लड़ाकू विमान तेजस को उपलब्ध करा पाने में हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की नाकामी पर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2018 तक भारतीय वायुसेना को 200 तेजस फाइटर जेट्स और 20 ट्रेनर एयरक्राफ्ट की जरूरत थी, लेकिन उसे सिर्फ 9 तेजस मिल पाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुपरसोनिक फाइटर जेट को विकसित करने और वायुसेना में शामिल करने में बहुत देर हो रही है।