
डी कोल्ड टोटल, क्रोसिन से हट सकती है प्रतिबंध की तलवार, एक्सपर्ट पैनल ने दिया ये सुझाव
नई दिल्ली, 31 अगस्त। डी कोल्ड टोटल, क्रोसिन कोल्ड, पिरिटॉन, सैरिडॉन समेत 19 दवाओं पर प्रतिबंध की तलवार लटक रही है। इन दवाओं के इस्तेमाल को लेकर एक्सपर्ट पैनल का गठन किया गया था। इस पैनल ने सुझाव दिया है कि इन दवाओं की बिक्री को कुछ शर्तों के साथ जारी रखा जा सकता है। दरअसल केंद्र सरकार कुछ फिक्स्ड ड्रग्स कॉम्बिनेशन या कॉकटेल मेडिसिन पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही थी। जिन दवाओं में एक से अधिक दवाओं का मिश्रण होता है, उनपर सरकार प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है, इसी के चलते इन दवाओं पर प्रतिबंध की तलवार लटक रही थी।

इस तरह की कई दवाओं की बाजार में संख्या काफी बढ़ गई थी, जिसमे कई अवैज्ञानिक दवाओं का मिश्रण था, जिसे सरकार बंद करना चाहती थी। इन दवाओं के इस्तेमाल से इस बात का खतरा बढ़ जाता है कि लोगों में दवा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाएगी। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड एंड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने 19 एफडीसी की लिस्ट बनाई है, जिन्हें गलत मिश्रण करार दिया गया है। इस लिस्ट की एक्सपर्ट कमेटी ने समीक्षा की है। कमेटी की अध्यक्षता डॉक्टर एमएस भाटिया जोकि यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइसेज के डिपार्टमेंट ऑफ फिजियाट्री के हेड हैं।
एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट को सीडीएससीओ और स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दी है। रिपोर्ट में पांच दवाओं को प्रतिबंध बाहर रखने का सुझाव दिया गया है। पैनल ने सुझाव दिया है कि डी कोल्ड टोटल, क्रोसिन कोल्ड, और अन्य दवाओं के निर्माता इनके इस्तेमाल को सुरक्षित बनाएं और तीनों ही दवाओं के मिश्रण के डेटा को उपलब्ध कराएं, जिसमे पैरासीटामोल, कैफीन और फेनीलेफ्रीन शामिल है। साथ ही यह सुझाव दिया गया है कि इन दवाओं का चार चरण में क्लीनिकल ट्रायल किया जाए।
रिपोर्ट के अनुसार कमेटी की बैठक में डी कोल्ड टोटल, रेकिट बेंकिसर के निर्माता शामिल हुए। कमेटी ने कहा कि एफडीसी को अमेरिका, ब्रिटेन, हॉन्गकॉन्ग, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और सिंगापुर में अनुमति है। कमेटी ने विस्तृत चर्चा के बाद सुझाव दिया है कि एफडीसी का उत्पादन और इसका प्रचार इस शर्त के साथ करें कि यह सुरक्षित है और इसका चार चरण में क्लीनिकल ट्रायल किया जाए, इसके बाद ही इसे वितरित किया जाए।