प्राइवेट अस्पतालों से वैक्सीनेशन को रफ्तार देने की योजना कैसे हो रही फेल?
नई दिल्ली, 5 जून। सरकार ने अपनी नई टीकाकरण रणनीति के तहत योजना बनाई थी कि प्राइवेट सेक्टर से साझेदारी के जरिए देश में कोरोना टीकाकरण को गति दी जाए लेकिन असलियत में कुछ और ही हो रहा है। कोरोना वैक्सीन के लिए खुद को रजिस्टर्ड करने के लिए बने प्लेटफॉर्म कोविन ने असल में उन निजी संस्थानों की संख्या घटा दी है जहां पर कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा रही है।
एक समय अप्रैल के आखिर में देश में हर दिन 5000 प्राइवेट सेंटर ऐसे थे जहां पर कोरोना वायरस वैक्सीन की डोज दी जा रही थी। लेकिन वर्तमान समय में केवल 1300 से 1700 केंद्र ही ऐसे हैं जहां पर वैक्सीन दी जा रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक एक दिन पहले शुक्रवार को 1689 निजी केंद्रों पर टीका उपलब्ध रहा।
केंद्र
सरकार
ने
दिया
था
शपथपत्र
वैक्सीन
को
नीति
में
उदारीकरण
को
लेकर
सुप्रीम
कोर्ट
को
दिए
गए
एक
शपथपत्र
में
केंद्र
ने
कहा
था
कि
प्राइवेट
सेक्टर
के
लिए
25
प्रतिशत
टीके
अलग
रखने
से
बेहतर
पहुंच
की
सुविधा
होगी।
इससे
सरकारी
टीकाकरण
सेवाओं
पर
संचालन
का
दबाव
कम
होगा।
जो
लोग
भुगतान
कर
सकते
हैं
वे
निजी
अस्पतालों
में
जाना
पसंद
करेंगे।
बावजूद इसके वर्तमान में छोटे और मध्यम शहरों में सैकड़ों निजी अस्पतालों में वैक्सीन की कमी के चलते टीकाकरण बंद हो चुका है या फिर बहुत आश्चर्यजनक रूप से कम कर दिया गया है। ये छोटे अस्पताल दवा निर्माता कंपनियों से सीधे डील कर पाने में सक्षम नहीं है जिसके चलते उनके पास डोज नहीं पहुंच पा रही है और टीकाकरण रोकना पड़ रहा है।
प्राइवेट
अस्पतालों
के
पास
डोज
नहीं
अगर
16
मई
से
अब
तक
देश
के
आठ
सबसे
बड़े
शहरों
में
प्राइवेट
अस्पतालों
में
डोज
का
अध्ययन
किया
जाए
तो
पता
चलता
है
कि
इनमें
से
तीन
चौथाई
सेंटर
पर
या
सिर्फ
कुछ
डोज
मौजूद
रही
है
या
फिर
कहीं
पर
एक
भी
डोज
नहीं
रही।
केवल
10
प्रतिशत
निजी
अस्पताल
ऐसे
थे
जहां
पर
इस
समय
के
बीच
500
से
ज्यादा
वैक्सीन
की
डोज
लगाई
गई।
यह समस्या सिर्फ छोटे अस्पतालों तक ही नहीं है बल्कि ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि बड़े अस्पतालों को भी टीकाकरण रोकना पड़ा है क्योंकि वे आपूर्ति की कोशिश में लगे हुए हैं लेकिन एक महीने बीत जाने के बाद भी उनमें से कई के पास भविष्य में आपूर्ति का कोई आश्वासन नहीं है।
कोविड वैक्सीन को लेकर चल रही अफवाह का सरकार ने किया खंडन, फेसबुक ने हटा दी पोस्ट