अगले हफ्ते से भारत में मिलने लगेगी एंटी कोविड दवा 'मोलफ्लू', जानिए कितनी होगी कीमत
नई दिल्ली, 04 जनवरी: देश में कोरोना के साथ-साथ ओमिक्रॉन के मामलों में चिंताजनक इजाफा हो रहा है। दिल्ली, महाराष्ट्र सहित देश के अन्य हिस्सों में नए मरीजों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच दवा बनाने वाली कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड जल्द ही एंटी वायरल कोविड-19 दवा मोलफ्लू (मोलनुपिरवीर) का अपना जेनेरिक वर्जन लॉन्च करेगी। दवा कंपनी के प्रवक्ता ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इसकी कीमत 35 रुपए प्रति कैप्सूल होगी। अमेरिकी दवा कंपनी मर्क की एंटी-कोविड दवा 'मोल्फ्लू' की भारत में 5 दिन के कोर्स की कीमत 1400 रुपए होगी।
1,400 रुपए होगी पूरे कोर्स की कीमत
हैदराबाद स्थित ड्रगमेकर कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज ने अपने बयान में बताया कि 'मोलफ्लू' के नाम से बेची जाने वाली इस जेनेरिक दवा की हर स्ट्रिप में 10 कैप्सूल होंगे। 40 कैप्सूल के साथ 5 दिन का कोर्स मरीज का चलेगा, जिसकी कुल लागत 1,400 रुपए होगी। वहीं इसकी तुलना में अमेरिका में मर्क की गोली से उपचार की लागत 700 डॉलर यानी 52,219 है।
पिछले हफ्ते भारत ने दी थी दवा को मंजूरी
कंपनी के प्रवक्ता ने दवा की जानकारी देते हुए बताया कि मोल्फ्लू अगले हफ्ते की शुरुआत से पूरे भारत में फार्मेसियों में उपलब्ध होने की उम्मीद है, जिसमें कोविड -19 के हाई केस लोड वाले राज्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है। ये दवा उन मरीजों के लिए अधिक उपयोगी होगा, जो कोरोना के उच्च जोखिम वाले मरीज हैं। बता दें कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने पिछले हफ्ते दो टीकों के साथ मोलनुपिरवीर को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी थी, क्योंकि देश तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण कोरोनो के मामले बढ़ रहे हैं।
कोरोना के खिलाफ 1 ही दिन में 3 बड़े ऐलान, दो नई वैक्सीन और एक एंटी वायरल दवा को मिली मंजूरी
भारत में 13 कंपनियां मोलनुपिरवीर बनाएंगी
गौरतलब है कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दृष्टि से मर्क ने 100 से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों में मोलनुपिरवीर के जेनेरिक वर्जन बनाने और आपूर्ति करने के लिए डॉ रेड्डीज सहित आठ घरेलू दवा निर्माताओं के साथ लाइसेंसिंग समझौते किए हैं। भारत को एक विनिर्माण केंद्र में बदलने की दृष्टि से, मर्क ने 100 से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों में मोलनुपिरवीर के जेनेरिक संस्करणों को बनाने और आपूर्ति करने के लिए डॉ रेड्डीज सहित आठ घरेलू दवा निर्माताओं के साथ लाइसेंसिंग समझौते किए हैं। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत में कुल 13 कंपनियां मोलनुपिरवीर बनाएंगी।